देहरादून: मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत द्वारा दिये गये बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के 36 हजार करोड़ का घोटाला, ललित कला एकेडमी की ट्रेनिंग, व्यायपम घोटाले का मैनेजमेंट, जिसमें आज तक 45 सीधे ऊपर और केन्द्र सरकार की असफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए भाजपा नेता ये सब नाटक कर रही है। उन्होंने कहा कि जांच की मांग करना और उसे किसी भी मंच पर ले जाना भाजपा का लोकतांत्रिक अधिकार है। परन्तु एक लोकतांत्रिक दल जो देश में सत्ता पर हो और प्रदेश में सत्ता पर रह चुका हो, उनके नेताओं को कोप भवन के निवास को छोड़ देना चाहिए और प्रदेश के विकास के लिए कोई विजन लेकर सामने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव राज्य सरकार का सबसे बड़ा अधिकारी है, उनको इंगित कर हल्का बयान देना उचित नही है। मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि आपदा में लगाये गये आरोप और मुख्य सचिव की रिपोर्ट पर यदि विधान सभा या किसी सोशल संस्था की जांच में तथ्यों के आधार पर कोई कमी पायी जाती है, तो संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। भाजपा नेता अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहते है। राज्य के विकास के लिए भाजपा में विजन का अभाव है। जहां-जहां भाजपा शासित सरकार है, वहां पर हो रहे घोटालों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए ऐसी बयानबाजी की जा ही है। श्री कुमार ने कहा कि भाजपा नेता आपदा जैसे संवेदनशील मामले को अनावश्यक राजनीतिक रंग दे रहे है। आपदा के समय मानव जीवन की सुरक्षा राज्य सरकार के लिए सर्वोपरि थी, ऐसे में भाजपा नेताओं द्वारा पिकनिक मनाये जाने जैसे आरोप लगाना निंदनीय है। भाजपा नेताओं को जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए केवल तथ्यों पर आधारित बयानबाजी करनी चाहिए।