नई दिल्ली: केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन (स्वतंत्र प्रभार) एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने आज यहां ‘लाला लाजपत राय की 150वीं
जन्म शताब्दी’ के अवसर पर ‘लाला लाजपत राय- एक निस्वार्थ देशभक्त’ विषय पर आयोजित एक समारोह में उन पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय में सचिव श्री एन.के. सिन्हा एवं मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर लाला लाजपत राय के जीवन एवं आदर्शों पर आधारित एक कठपुतली शो का भी प्रदर्शन किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि लाला लाजपत राय एक महान देशभक्त और आम जनता से जुड़े व्यक्ति थे। वह स्वतंत्रता संग्राम के एक महान योद्धा थे, जिनका शुमार भारत के सर्वाधिक असाधारण नेताओं में होता है। वह ‘पंजाब केसरी’ के नाम से विख्यात थे। बंगाल के विभाजन की खिलाफत करने वाले वह मुख्य नेता थे और उन्होंने बिपिन चंद्र पाल एवं बाल गंगाधर तिलक के साथ कांग्रेस के गरमपंथी दल का नेतृत्व किया। उनके बलिदानों के सम्मान के रूप में भारत सरकार ने उनकी 150वीं जयंती आयोजित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय राष्ट्रीय महत्व की महान हस्तियों की जन्म शती, 125वीं/150वीं जयंतियों पर समारोह आयोजित करता है तथा एक वर्ष की अवधि में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि लाला लाजपत राय जी आर्य समाज और इसके संस्थापक स्वामी दयानंद जी से काफी प्रभावित थे और उन्होंने कई सामाजिक बुराइयों, विशेष रूप से समाज में अस्पृश्यता के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वह एक सफल लेखक थे और उन्होंने कई सारे किताबें लिखीं। उन्होंने कई समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं की भी स्थापना की और उनका संपादन किया। 30 अक्टूबर, 1928 को लाहौर में साइमन कमीशन के खिलाफ एक प्रदर्शन का नेतृत्व करने के दौरान पुलिस लाठी चार्ज में उन्हें गहरी चोटें आईं और 17 नवंबर, 1928 को उनका निधन हो गया। वर्तमान पीढ़ी को लाला जी जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए।
संस्कृति मंत्रालय में सचिव श्री एन.के. सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि लाला लाजपत राय जी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने बिपिन चंद्र पाल तथा बाल गंगाधर तिलक के साथ मिलकर लाल-बाल-पाल की एक तिकड़ी बनाई। उन्होंने कई सारी किताबें लिखीं तथा कई पत्रिकाओं का संपादन किया जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए युवकों एवं आम जनता को प्रेरित किया।