देहरादून: प्रदेश के सहकारिता, राजस्व मंत्री यशपाल आर्य एवं लघु उद्योग मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल उत्तराखण्ड सरकार की अध्यक्षता में विधान सभा स्थित अपने कक्ष में लालकुआॅं नगरवासियों को मालिकाना हक दिये जाने के सम्बन्ध में बैठक हुई।
बैठक में लालकुआॅ की भूमि जो पहले वन भूमि से गैर वनभूमि हुई। उसके पश्चात उक्त भूमि पर जो भी कब्जे या विकास हुआ उन व्यक्तियों को उनका संक्रमणीय भूमि अधिकार नहीं मिल पाया। इसके लिए माह मार्च में मंत्रीमण्डल की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सारे कब्जों का कच्चा अध्यतन विवरण तैयार किया जाये।
बैठक में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने अवगत करया कि उक्त भूमि का क्षेत्रफल लगभग 52 हेक्टेयर है। जिसमें 12 हेक्टेयर भूमि प्राईवेट लैण्ड तथा 40 हेक्टेयर भूमि सरकारी भूमि है जो कि अलग-अलग गाटा में है। सचिव राजस्व भास्करा नन्द जोशी ने अवगत कराते हुए कहा कि मंत्रिमंण्डल समिति के निर्णय को जिला प्रशासन नैनीताल को अवगत समय से करवा दिया गया था। इसमें प्रशासन द्वारा बन्दोबस्त के रिकार्ड बनाने हैं। उक्त जिला अधिकारी एवं आयुक्त नैनीताल के स्तर से प्रकरण लम्बित हैं।
बैठक में माननीय मंत्री यशपाल आर्य एवं मंत्री दुर्गापाल जी ने बैठक में आये अपर आयुक्त एवं अपर जिलधधिकारी नैनीताल को निर्देश देते हुए कहा कि लाल कुआॅ के व्यक्तियों को संक्रमणिय भूमि का अधिकार दिलाये जाने में काफी विलम्ब हो चुका है। अधिकारी इसको तत्परता दिखाते हुए अपनी कार्य संस्कृति को बदलते हुए उक्त भूमि का नक्शा खसरा खतोंनी टाइप में बनायें। तथा अवैध कब्जा धारकों का नाम श्रेणी वार लिखें। उक्त भूमि का बन्दोबस्त के आधार पर रिकार्ड बनाया जाय। जिसमें सरकारी व निजी कब्जों का अलग-अलग विवरण तैयार करने के निर्देश 30 जून 2015 तक दिये। उसके बाद उनके भूमिधर अधिकारों के लिए निर्णय लिया जायेगा।
बैठक में सचिव राजस्व भास्करा नन्द जोशी, उप सचिव राजस्व सन्तोष बडोनी, अपर आयुक्त कुमायूं जगदीश चन्द्र काण्डपाल, अपर जिलाधिकारी नैनीताल उदय सिंह राणा उप राजस्व आयुक्त वीरेन्द्र सिंह नेगी, प्रभारी उप राजस्व आयुक्त सोनियाॅ पन्त, सर्वे नायब तहसीलदार एवं लाल कुआं के प्रबुद्ध नागरिक मौजूद थे।