नई दिल्ली: केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग व जहाजरानी औरसायन तथा उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने विश्वास व्यक्त किया है कि सड़कों और राजमार्गों के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए भूमि राशि पोर्टल को सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा।
श्री मंडाविया ने आज नई दिल्ली में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में डिजिटलीकरण नई ऊंचाईयों पर पहुंच रहा है और सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय का भूमि राशि पोर्टल इस सफलता का शानदार उदाहरण है। पोर्टल भूमि अधिग्रहण मामलों की प्रोसेसिंग पूरी तरह डिजिटल और कागज़ रहित करने की अनुमति देता है। इसके परिणामस्वरूप भूमि अधिग्रहण मामलों को पारदर्शी, त्वरित, भ्रष्टाचार मुक्त और दोषमुक्त तरीके से निपटाया जा रहा है। पोर्टल ने गतिविधि तथा भूमि अधिग्रहण से संबंधित रिपोर्टें बनाने के काम को रीयल टाईम में संभव बना दिया है।
श्री मंडाविया ने बताया कि देश में लगभग सात लाख गांव के राजस्व रिकॉर्डों को पोर्टल में एकीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल परिवर्तन के कारण भूमि अधिग्रहण अधिसूचना जारी करने का समय 3-6 महीनों से घटकर 1-2 सप्ताह हो गया है। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में प्रत्येक वर्ष लगभग एक हजार भूमि अधिग्रहण की अधिसूचनाएं जारी की गईं। जबकि मंत्रालय द्वारा चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में ही 1700 से अधिक अधिसूचनाएं जारी की गई हैं।
श्री मंडाविया ने कहा कि प्रणाली में प्रक्रिया पारदर्शिता आई है। पहले स्वीकृत मुआवजा राशि सीएएलए (भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम प्राधिकार) के पास रखी जाती थी लेकिन भूमि राशि पोर्टल से यह राशि सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से संबंधित व्यक्ति के खाते में अंतरित कर दी जाती है। सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली पोर्टल का अभिन्न हिस्सा है। इसके अतिरिक्त प्रक्रिया पर्यावरण अनुकूल है क्योंकि मानवीय रूप से कोई कार्य नहीं होता और सभी कार्य डिजिटल रूप में किए जाते है। श्री मंडाविया ने कहा कि भूमि राशि पोर्टल डिजिटल इंडिया की सच्ची सफलता गाथा है।