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डॉ हर्षवर्धन ने ‘क्षीर परीक्षक’ के विकास के लिए सीएसआईआर के सेंट्रल इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्‍थान (सीईईआरआई) को बधाई दी

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि राष्‍ट्रीय स्‍तर पर स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी दूध में मिलावट से निपटने के लिए क्षीर परीक्षक  आम आदमी को प्रौद्योगिकी के द्वारा सशक्त बनाएगा। डॉ हर्षवर्धन ने यह जानकारी सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीईईआरआई) पिलानी के 64वें स्‍थापना दिवस समारोह के अवसर पर मीडिया को सम्‍बोधित करते हुए दी। वे इस समारोह की मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता कर रहे थे। भारतीय सांख्यिकी संस्थान कोलकाता के पूर्व निदेशक पद्मश्री प्रो शंकर के. पाल इस कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि थे।

डॉ हर्षवर्धन ने इस प्रयोगशाला की अनुसंधान एवं विकास उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्‍होंने दूध में मिलावट की जांच करने के लिए हाल ही में शुरू किए गए क्षीर स्कैनर प्रौद्योगिकी के हैंडहेल्‍ड जीपीएस युक्‍त संस्‍करण के नव विकसित क्षीर परीक्षक का विशेष रूप से उल्‍लेख किया। सीएसआईआर-सीईईआरआई द्वारा विकसित इस उपकरण से कोई भी व्‍यक्ति परीक्षण किए गए नमूने के स्थान का पता लगाने में सक्षम होगा और वह इस उपकरण पर एसएमएस के माध्यम से दूध के जांच परिणाम प्राप्त कर सकेगा।

इस अवसर पर डॉ हर्षवर्धन ने स्थापना दिवस भाषण दिया और स्टाफ के सदस्यों को सेवा पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने वर्ष 2015-16 के लिए सीएसआईआर-सीईईआरआई की वार्षिक रिपोर्ट संस्‍थान का लोगो तथा प्रोफाइल फोल्‍डर भी जारी किए। मंत्री ने सीएसआईआर-सीईईआरआई की स्‍थापना प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जिसमें डेरी उत्‍पादों,पानी की गुणवत्ता के आकलन के लिए स्मार्ट स्वचालित प्रणाली,स्वास्थ्य रक्षा उपकरणों, रक्षा, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे सामरिक क्षेत्रों के लिए विकसित प्रौ़द्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया है।

उन्‍होंने उच्च शक्ति माइक्रोवेव ट्यूबों (जाइरोट्रॉन, ट्रेवलिंग वेब टयूब(टीडब्‍ल्‍यूटी, किल्‍स्‍ट्रोन मैग्‍नेट्रोन) माइक्रो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम (एमईएमएस) सेंसर नैनो टेक्‍नॉलाजी, हाइब्रिड माइक्रो सर्किट, ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणो, वैरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन (वीएलएसआई), पानी,दूध आदि जैसी सामाजिक जरूरतों के लिए इंस्ट्रूमेंटेशन सिस्टम,वायरलेस सेंसर नेटवर्क (डब्लूएसएन), इंटरनेट ऑफ थिंग्‍स आदि में प्रयोगशाला की उपलब्धियों के बारे में गहरी दिलचस्‍पी दिखाई।

डॉ हर्षवर्धन ने भारत सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को लागू करने के लिए  उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्‍होंने कहा कि संस्‍थान के अनुसंधान और विकास उत्‍पादों को उद्योग और समाज की जरूरत और उम्मीदों के अनुरूप होना चाहिए। इस समारोह के दौरान सीएसआईआर-सीईईआरआई के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधरी ने मंत्री महोदय को प्रयोगशाला की नवीनतम अनुसंधान एवं विकास उपलब्धियों के बारे में एक प्रेजेंटेशन दिया।

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