नई दिल्लीः केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा है कि प्रदूषण और पर्यावरण संबंधित विषयों पर कानून और अधिनियम पारित किए जा चुके हैं और अब लोगों को इस पर अमल करना है। विश्व पर्यावरण दिवस समारोह के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने आज यहां कहा कि पर्यावरण की देखभाल करना भारत की समृद्ध विरासत रही है। उद्घाटन सत्र नेचुरल केपिटल ऑफ इंडिया विषय पर आयोजित किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में भूमि, पेड़ और नदियों को दिव्य आशीर्वाद के हिस्से के रूप में समझा जाता है और इन्हें प्राकृतिक उपहार के रूप में देखा जाता है, जिन्हें संरक्षित और पोषित करने की आवश्यकता है। मंत्री महोदय ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण के लिए कार्य करने के संदर्भ में प्रेरित किया जाना चाहिए और व्यक्तियों के छोटे योगदानों से एक वृहद कार्य पूरा किया जा सकता है।
ग्रीन गुड डीड्स पहल के सकारात्मक प्रभाव का वर्णन करते हुए डॉ. वर्धन ने कहा कि इस पहल को पूरे विश्व स्तर पर लागू किया जाना चाहिए। इस पहल को ब्रिक्स और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा सराहना मिली है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के कार्यकारी निदेशक श्री एरिक सोल्हेम ने अपने संबोधन में ग्रीन गुड डीड्स के प्रति डॉ. हर्ष वर्धन के दृष्टिकोण को सराहते हुए कहा कि पर्यावरण पर परिचर्चा घर-घर में होनी चाहिए।