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टेल्गों ने अंतिम ट्रायल में 12 धंटे से भी कम समय मेे पहुॅची दिल्ली से मुम्बई

देश-विदेश

नई दिल्ली: स्पैनिश ट्रेन टैल्गो ने अंतिम ट्रायल में नई दिल्ली से मुंबई सेंट्रल के बीच की दूरी 12 घंटे से भी कम समय में पूरी की। शनिवार दोपहर को टैल्गो ने नई दिल्ली से रवाना होकर मुंबई सेंट्रल तक पहुंचने में 11 घंटे 48 मिनट का समय लिया। रेलवे बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली मुंबई के बीच टाइम टेस्टिंग का ये आखिरी ट्रायल है, इस दौरान ट्रेन को 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलाया गया। टैल्गो के ट्रायल कोच 30 साल पुराने हैं लेकिन जिस तकनीक पर ये डिब्बे चलते हैं, उसका पेटेंट सिर्फ टैल्गो के पास ही है।

टैल्गो कंपनी के इंडिया डायरेक्टर सुब्रतो नाथ ने बताया कि हमारी कंपनी ने दिल्ली से मुंबई की दूरी 12 घंटे में पूरा करने का दावा किया था। उस दावे पर हम खरे उतरे हैं। हमारे डिब्बों की खासियत ये है कि इनको तेज घुमावदार मोड़ों पर भी तेज रफ्तार से चला सकते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली और मुंबई के बीच रेलवे ट्रैक पर 795 जगह पर घुमाव हैं, जहां पर ट्रेन की रफ्तार के लिए स्पीड लिमिट है। मसलन 1.8 डिग्री के घुमाव के ट्रैक पर राजधानी एक्सप्रेस को 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के नीचे चलाना पड़ता है लेकिन टैल्गो 142 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर दौड़ सकती है।

दिल्ली-मुंबई ट्रेन रूट पर सैकड़ों ऐसे पुल हैं, जिनपर सभी भारतीय ट्रेनों के लिए स्पीड लिमिट है। इन पुलों पर गुजरने से पहले किसी ट्रेन की रफ्तार घटाकर 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलाना पड़ता है लेकिन टैल्गो के कोच हल्के होने की वजह से इन पुलों पर इनके लिए कोई भी स्पीड लिमिट नहीं है। दिल्ली-मुंबई के बीच ट्रायल के तौर पर चलाई गई इस ट्रेन में महज 9 कोच हैं, जिसमें एक कोच जनरेटर, एक डाइनिंग कार के अलावा 5 सामान्य एसी चेयर कार और 2 एसी एक्जिक्यूटिव क्लास कोच हैं। हर सामान्य कोच में 36 और एक्जिक्यूटिव क्लास कोच में 20 यात्रियों के बैठने की सीट है। इन कोचों में आदमी के वजन के बराबर बालू के बोरे हर सीट पर रखे गए हैं।

साभार पंजाब केसरी

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