माननीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्रालय के विभिन्न विकास भागीदारों के साथ क्षयरोग (टीबी) मुक्त भारत बैठक की अध्यक्षता की। क्षयरोग के खिलाफ लड़ाई में प्रगति की समीक्षा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में यह चौथी बैठक थी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मीडिया, विशेषकर दूरदर्शन ने देश में पोलियो उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी तरह, लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए पत्रकारों और मीडिया हस्तियों को क्षयरोग योद्धा बनाया जाना चाहिए। उन्होंने क्षयरोग के खिलाफ लड़ाई में उपयोग की जाने वाली सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों, अनुभवों और विचारों को साझा करने के लिए एक संस्थागत तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। डॉ. हर्षवर्धन नेनेतृत्व और सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि क्षयरोग के खिलाफ जागरूकता जगाने के लिए धार्मिक औरस्वसंचालित संघोंके अधिनायकों को शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि क्षय रोग के अधिकतम मामले वाले 5 राज्यों के लिए एक आदर्श और स्पष्ट रणनीति विकसित करने की आवश्यकता है। ये राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, मेघालय, हिमाचल प्रदेश और तेलंगानाहैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने विभिन्न विकास भागीदारों द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि “हम एक साथ सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं”। उन्होंने कहा कि कोविड और क्षय रोग के खिलाफ लड़ाई को साथ-साथ संचालित करना है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यदि हम क्षय रोग को समाप्त करने के लिए अपने दिमाग, दिल और आत्मा में सामजस्य रखते हैं, तो माननीय प्रधानमंत्री की अवधारणा के अनुरूपभारत 2025 तक क्षय रोग का उन्मूलन करने में सक्षम होगा।
क्षय रोगके खिलाफ लड़ाई में देश द्वारा की गई प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री, श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि क्षय रोग उन्मूलन के लिए एक जन आंदोलन की आवश्यकता है। उन्होंने गांवों और झुग्गि-बस्तियों में लोगों की मदद के लिए पूरी तरह से परीक्षण मशीनों और अन्य सेवाओं के साथ जमीनी स्तर पर दौरा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री राजेश भूषण ने क्षय रोग के खिलाफ लड़ाई में कॉरपोरेट क्षेत्र और समुदाय को शामिल करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने अधिकतम क्षय रोगमामले वाले राज्यों में तपेदिक के लिए कोविड टीकाकरण रणनीति की तर्ज पर सूक्ष्म नियोजन का सुझाव दिया। इस दिशा में उन्होंने सरकार और विकासात्मक भागीदारों के बीच सक्रिय सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
इस बैठक में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि, विभिन्न विकास भागीदारों के प्रतिनिधि, गैर-सरकारी संगठन और राज्य के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।