कोरोना से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नागरिकों से नौ मिनट के लिए बत्ती बंद कर दिया जलाने की अपील की थी। प्रधानमंत्री की अपील पर देश की जनता से बेहद सुकून वाली प्रतिक्रिया दी। लोगों ने कुछ मिनट के लिए अपने अपने घरों की बत्तियां बंद की और घरों को दिए की रोशनी से जगमगा दिया। इसके परिणामस्वरुप बिजली उपभोग भार में 85,300 मेगावाट की गिरावट देखने को मिली। बिजली मंत्रालय के मुाताबिक कल यानि रविवार को प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर घरों की लाइट बंद करने पर बिजली की मांग में कमी आई। देश की जनता ने पांच अप्रैल को नौ बजे नौ मिनट के लिए घरों की लाइट बंद की और मोमबत्ती, दिए जलाकर घरों को रोशन किया। बिजली मंत्रालय ने बताया कि कल रात 8.49 मिनट से 9.09 मिनट तक ग्रिड की मांग 1,17,300 मेगावाट से गिरकर 85,300 मेगावाट तक आई, यानि कि कुल 32,000 मेगावाट की गिरावट देखने को मिली।
हालांकि नौ बजकर दस मिनट के बाद जब घरों की लाइट खुली को पावर डिमांड में उछाल आया। मंत्रालय ने जानकारी दी कि वॉलटेज की फ्रीक्वेंसी 49.7 से 50.26 हर्ट्स के बीच रही। प्रधानमंत्री मोदी ने तीन अप्रैल को देशवासियों से अपील की थी कि कोरोना की ओर से फैलाए अंधकार को मिटाने के लिए ज्यादा से ज्यादा दिए और मोमबत्ती जलाएं और देश को रोशनी से प्रफुल्लित करें।
देश की राजधानी दिल्ली में 726 मेगावाट की गिरावट दिखी। कल रात नौ बजे के बाद आठ मिनट के लिए न्यूनतम पावर लोड 1,235 मेगावाट रिकॉर्ड किया गया। वहीं महाराष्ट्र में भी 3,237 मेगावाट की कमी देखने को मिली। अकेले मुंबई में 1,255 मेगावाट बिजली कम खर्च हुई। हालांकि दिल्ली की जनसंख्या करीब 2 करोड़ और महाराष्ट्र की कुल जनसंख्या 12 करोड़ से ज्यादा है। Source अमर उजाला