वर्धा: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के अतंर्गत अमृतलाल नागर सृजनपीठ की ओर से 26, 27 एवं 28 अप्रैल को वर्धा साहित्य महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है । साहित्य महोत्सव में देशभर से विभिन्न भाषाओं के साहित्यकार सम्मिलित होंगे। त्रिदिवसीय महोत्सव में लोकसभा सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, हिंदी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. कमलेश दत्त त्रिपाठी, डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के कुलाधिपति प्रो. बलवंत शांतिलाल जानी, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलाधिपति डॉ. प्रकाश बरतुनिया, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, उ. प्र. के पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो. अभिराज राजेंद्र मिश्र, केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश के कुलपति प्रो. टी.वी. कट्टीमनी, सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय, सांची की कुलपति, प्रो. नीरजा गुप्ता, कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय, रामटेक के कुलपति प्रो. मधुसूदन पेन्ना, गोंडवाना विश्वविद्यालय, गढ़चिरौली के कुलपति प्रो. प्रशांत एस. बोकारे, विश्वविद्यालय के कार्य-परिषद् के सदस्य डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’, विश्वविद्यालय के आवासीय लेखक प्रो. रामजी तिवारी, गुजरात साहित्य अकादमी, गांधीनगर के अध्यक्ष पद्मश्री श्री विष्णु पण्ड्या, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात कथाकार, भोपाल के श्री गोविंद मिश्र, मुंबई विश्वविद्यालय के प्रो. दत्तात्रय मुरुमकर, कोलकाता से डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी, मुंबई से प्रसिद्ध मराठी लेखक श्री विश्वास पाटील, मुंबई से डॉ. बीना बुदकी, जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र दिल्ली के श्री आशुतोष भटनागर, पुणे से श्री दामोदर खडसे, पुणे से डॉ. नीलम जैन, जम्मू से प्रतिष्ठित कवि अग्निशेखर, नागपुर से पत्रकार श्री विकास मिश्र, तिरुवनंतपुरम से के. सी. अजय कुमार, खंडवा से डॉ. श्रीराम परिहार, रायपुर से प्रो. चितरंजन कर, सागर विश्वविद्यालय से प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी, लखनऊ से पत्रकार राजू मिश्र, मुंबई से ओमप्रकाश तिवारी, नागपुर से आनंद निर्वाण, जेएनयु, नई दिल्ली से प्रो. देवशंकर नवीन और प्रो. सुधीर प्रताप सिंह आदि शिरकत करेंगे। यह जानकारी विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल ने रविवार 24 अप्रैल को विश्वविद्यालय के महादेवी वर्मा सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। पत्रकार वार्ता में वर्धा साहित्य महोत्सव के संयोजक तथा हिंदी एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग के प्रो. कृष्ण कुमार सिंह, जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपा शंकर चौबे, सहायक प्रोफेसर डॉ. सुनील कुमार, मीडिया समिति की संयोजक डॉ. सुप्रिया पाठक, जनसंपर्क अधिकारी बी. एस. मिरगे, सहायक प्रोफेसर यशार्थ मंजुल और श्रीनिकेत मिश्र उपस्थित थे।
प्रतिकुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल ने बताया कि यह महोत्सव साहित्य में समाज के महानायकों पर लिखित जीवनीपरक उपन्यासों पर केंद्रित होगा। महोत्सव में हिंदी, संस्कृत, मराठी, ओडि़या, गुजराती, मलयालम और बांग्ला भाषाओं में महानायकों पर लिखे गये उपन्यासों पर विंमर्श किया जाएगा। हिंदी उपन्यासों में मानस का हंस, कृष्ण की आत्मकथा, बा, महानायक बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर, तोड़ो कारा तोड़ो, रंग राची, नीले घोड़े का सवार, अनुत्तर योगी, झाँसी की रानी, भारती का सपूत, महाभिषग आदि उपन्यासों पर चर्चा होगी। संस्कृत में जानकीजीवनम्, मराठी भाषा में छावा, महानायक, राऊ और दुर्दम्य, ओडि़या भाषा में द्रौपदी, गुजराती भाषा में महामानव सरदार और नेताजी सुभाषचंद्र बोस: अंतिम अध्याय मलयालम भाषा में आदिशंकरम् और नारायणगुरु की यात्रा तथा बांग्ला भाषा में शाहजादा दाराशिकोह नामक उपन्यासों पर परिचर्चा होगी।
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति तथा वर्धा साहित्य महोत्सव के संरक्षक प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने बताया कि इस महोत्सव के माध्यम से महापुरुषों के आदर्शो की वर्तमान प्रासंगिकता को समझने और समझाने में मदद मिलेगी और विमर्श में शामिल नई पीढ़ी की संवेदना समाज के महानायकों द्वारा स्थिर मान-मूल्यों से जुडे़गी। इससे नई पीढ़ी में भारत बोध और भारतीयता का संचार भी होगा।
महोत्सव के दौरान बहुवचन पत्रिका के सुब्रमण्यम भारती विशेषांक के साथ 6 महत्वपूर्ण पुस्तकों का लोकार्पण किया जाएगा। महोत्सव के सफल संचालन के लिए विभिन्न समितियाँ गठित की गई हैं। महोत्सव के संयोजक हिंदी एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग के प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि महोत्सव में सांस्कृतिक संध्या के अंतर्गत डॉ. हिमांशु वाजपेयी और सुश्री प्रज्ञा शर्मा की दास्तानगोई और कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा।