लखनऊः प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा है कि एक जिला एक उत्पाद ( ओ0डी0ओ0पी0)योजना को धरातल पर उतारने के लिए शीघ्र ही राज्य स्तरीय समिट का आयोजन किया जायेगा। इस समिट में लघु उद्योग विशेषज्ञों एवं उद्यमियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जायेगा और इसमें प्राप्त सुझावों का कार्यान्वयन समबद्ध सुनिश्चित होगा, ताकि ओ0डी0ओ0पी0 योजना की ब्रांडिंग अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर की जा सके।
श्री पचैरी आज यहां निर्यात प्रोत्साहन भवन में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की सभी योजनाओं के बारे में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए, ताकि उद्यमियांे की समस्याओं आदि का समाधान आसानी से हो सके। उन्होंने स्पष्ट रूप से अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 योजना राज्य सरकार की महात्वाकांक्षी योजना है, इसके क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की उदासीनता और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
लघु उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना तथा अन्य रोजगारपरक योजना के तहत प्रदेश सरकार ने आगामी 04 वर्षों में 20 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। इन योजनाओं के तहत 01 वर्ष में 05 लाख लोगों को रोजगार से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के तहत आगामी 27 मई को 10 हजार लोगों को उद्यम स्थापना के लिए ऋण प्रदान किया जायेगा। इससे भारी संख्या में रोजगार का सृजन होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में ऋण शिविरों का आयोजन किया जाय और कम से कम 1000 लोगों को प्रतिमाह रोजगार उपलब्ध कराया जाय।
श्री पचैरी ने समीक्षा के दौरान अधिकारियोें को यह भी निर्देश दिए कि लघु उद्योग क्षेत्र में इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हुए एम0ओ0यू0 को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाय। प्रतिमाह इसका अनुश्रवण भी सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि विभाग के लिए यह बहुत बड़ा अवसर और चुनौती भी है। उन्होंने कहा कि निवेशकों द्वारा लघु उद्योग क्षेत्र में निवेश करने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और प्रदेश के उत्पादों को नई दिशा मिलेगी।
लघु उद्योग मंत्री ने अधिकारियांे को निर्देशित किया कि निवेश मित्र योजना का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाय, ताकि उद्यमियों को इसके बारे में विधिवत जानकारी हो सके। इसके साथ ही उनकी समस्याओं का समाधान निवेश मित्र के तहत निश्चित समय में किया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विभाग द्वारा जो भी पोर्टल तैयार किया जाय और विभागीय साहित्य का प्रकाशन किया जाय, वह पूरी तरह हिन्दी भाषा में होना चाहिए।
श्री पचैरी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि भारत सरकार की योजनाओं के बेहतर संचालन के लिए एक समिति बनाई जाय। इसके साथ ही ओ0डी0ओ0पी0 के क्रियान्वयन के लिए भी कमेटी का गठन किया जाय। उन्होंने विभागीय योजनाओं की जानकारी अधिकारियों को न होने को गम्भीरता से लेते हुए कहा कि यह स्थिति अच्छी नहीं है, इसके लिए उन्होंने कमीशनरी वाइज अधिकारियों को प्रशिक्षित करने पर बल दिया। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि उद्यम स्थापना के लिए उद्यमियों को बार-बार न दौड़ना पड़े, अधिकारी स्वयं उनके पास जाकर समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जो उद्यमी 03 वर्ष पहले प्लाट ले चुके हैं और उन्होंने अपना उद्यम स्थापित नहीं किया है। ऐसे प्लाटों को निरस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अब वे स्वयं जिलों में औचक निरीक्षण करेंगे और लक्ष्य पूरा न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई करेंगे।
श्री पचैरी ने लघु उद्योग तकनीकी उन्नयन योजना, क्लस्टर विकास योजना, औद्योगिक आस्थानों के निर्माण कार्य, हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम अनुसूचित जाति/जन जाति प्रशिक्षण योजना सहित अन्य विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि एम0एस0एम0ई0 बहुत ही महत्वपूर्ण विभाग है। इनकी योजनओं में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के दौरान एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र के लिए जो समझौता पत्र हस्ताक्षरित हुए है, उनका क्रियान्वयन समयबद्ध किया जाय। उद्यमियों की समस्याओं का निराकरण और स्वीकृति तथा अनुमति आदि आनलाइन ही जारी की जाएं। इन्वेस्टर्स समिट के प्रस्तावों की प्रगति के बारे में अब जिला अधिकारियों के साथ प्रत्येक माह वीडियो कांफ्रेंसिंग की जायेगी। इसके साथ ही उद्यमियों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए प्रत्येक माह बैठक भी आयोजित की जायेगी।
बैठक में आयुक्त एवं निदेशक श्री के0 रविन्द्र नायक, विशेष सचिव लघु उद्योग श्री पवन कुमार सहित विभिन्न मण्डलों तथा जनपदों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।