देहरादून: वर्ष 2013 की आपदा में मृत लोगो एवं शहीदों का भावपूर्ण स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आपदा के दौरान जिन तमाम लोगों ने आपदा राहत कार्याे में मदद की उन सभी के हम आभारी है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वर्ष 2013 की आपदा ने उत्तराखण्ड को जो जख्म दिये है, उन्हें भरने में अभी समय लगेगा। आपदा से जो नुकसन हुआ है, उसकी भरपाई के लिए सरकार वचनबद्ध है। वर्ष 2013 में आयी आपदा के दुःखद पड़ाव हम सब मिलकर पार करने में सफल हुए है। इस अवधि में अनुभवों से सीख लेने के साथ ही चुनौतियों का भी हमने सामना किया है। हम ये प्रार्थना करते है कि प्रदेश को अब वर्ष 2013 की त्रासदी से न गुजरना पड़े। उन्होंने हिम्मत के साथ चुनौतियों का सामना करने के लिये राज्यवासियों का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों के साथ सरकार पूरी संवेदना के साथ खड़ी है। आपदा के दौरान राज्य सरकार ने पूरी योजनाबद्ध ढ़ंग से कार्य किया है जिनका रोजगार छिना उनके लिए रोजगार की व्यव्स्था की गई। जो विस्थापित हो गये थे उनको पुर्नवास किया गया। इस वर्ष हम योजनाबद्ध ढ़ंग से कार्य कर रहे है, सराकार ने तय किया है कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों को तीन हिस्सो मे विभाजित किया जाएगा। उन्होने कहा कि पूर्व में यूपीए सरकार ने जो पैकेज जारी किया था उनमें से अधिकांश कार्य किया जा चुका है शेष धनराषि के लिए केन्द्र से अनुरोध किया गया है। उन्होने कहा कि 352 गांवो के पुर्नवास प्रस्ताव भी अलग से भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक जो कार्य हुए है उनमें हम सब का प्रयास रहा है और आगे भी रहेगा।
उन्होने कहा कि हमारा प्रयास है आपदा प्रबन्धन तंत्र को न्याय पंचायत स्तर तक ले जाए। हमारी एसडीआरएफ के जवानों द्वारा अन्य राज्य में भी कार्य किया गया है जो कि एक मिशाल है। उन्होने कहा कि आपदा बचाव दल की संख्या बढ़ाई जाएगी। एनसीसी, स्काउट एवं एसएसबी प्रशिक्षित को इसमें शामिल किया जाएगा। भूगर्भीय संवेदनशीलता को भी आपदा में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार के सफल प्रयासों से ही वर्ष 2015 और इस वर्ष चारधाम सहित अन्य स्थलों पर बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री व सैलानी आये है। हम सुरक्षित उत्तराखण्ड का सन्देश देश व दुनिया में पहंुचाने में सफल हुए है। लाखों की संख्या में तीर्थ यात्रियों के चारधाम यात्रा में आने से इस क्षेत्र के लोगों की आजीविका के श्रोत व संसाधनों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा से निपटने के लिये आपदा प्रबन्धन तंत्र को मजबूती प्रदान कर आपदा तंत्र की पहंुच ग्राम स्तर तक पहंुचाने के प्रयास किये जा रहे है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमें उन लोगो को भी याद करना चाहिए, जो विकट परिस्थितियों में काम करते हुए पुनर्निर्माण कार्य में लगे हुए है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आपदा से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को राहत पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।