नई दिल्ली: लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, एवीएसएम, वीएसएम; अंडमान और निकोबार कमान (सीआईएनसीएएन) के कमांडर-इन-चीफ 20 जुलाई, 2020 को पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) के अपने तीन दिवसीय भ्रमण पर विशाखापट्टनम पहुंच गए। जनरल के साथ डिफेंस वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (डीडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्ष सुश्री अर्चना पांडे भी पहुंची हैं।
वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन, पीवीएसएम, एवीएसएम वीएसएम; फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ईएनसी ने लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को 22 जुलाई, 2020 को परिचालन संबंधी विचार विमर्श के लिए भेंट करने को बुलाया है। बाद में उन्हें ईस्टर्न सीबोर्ड पर भारतीय नौसेना की कमान के दायित्वों और अन्य परिचालन गतिविधियों के बारे में बताया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने 1 जून, 2020 को अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्यभार संभाला था। जनरल ऑफिसर को दिसंबर, 1982 में कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर में तैनाती मिली थी और वह स्टाफ कॉलेज, यूनाइटेड किंगडम से स्नातक हैं। उन्होंने आर्मी वार कॉलेज, महू से हायर कमांड कोर्स और नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली से नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज कोर्स भी किया है। अपनी विशिष्ट सेवा के 37 साल के दौरान, जनरल ऑफिसर ने ऑपरेशन विजय और पराक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया है। उन्होंने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास इंजीनियरिंग रेजिमेंट, नियंत्रण रेखा पर स्ट्राइक कॉर्प्स के भाग के रूप में एक इंजीनियर्स ब्रिगेड की, पश्चिमी लद्दाख के बेहद ऊंचाई वाले क्षेत्र में एक माउंटेन डिविजन की और पूर्वोत्तर में काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशंस एरिया में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात एक कॉर्प्स की भी कमान संभाली है।
वर्तमान भू राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए उनका भ्रमण खासा अहम है, जिसमें पूर्वी नौसेना कमान और अंडमान व निकोबार कमान को एक दूसरे के साथ निकट सहयोग में काम करना है।