लखनऊ: उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार को सैफई गांव का विशेष ख्याल रहा है। इस बार बजट में यहां के लिए विकास कार्यों की झड़ी लगी। हवाई पट्टी, मेडिकल विश्वविद्यालय, डिग्री कॉलेज, स्पोट्र्स कॉलेज, एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान, साई का केंद्र, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और स्वींमग पूल बन रहा है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यहां के निर्माण कार्यों में देशभर के तकनीकी विशेषज्ञों की मदद भी ली है और खुद एक-एक विकास कार्य पर सीधी नजर रख रहे हैं। सरकार ने अपने इस साल के बजट में 35 करोड़ रुपये क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण में रखे हैं। 40 हजार दर्शकों की क्षमता वाला यह स्टेडियम लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। 207 करोड़ रुपये से बनने वाला सूबे का पहला ऑल वेदर स्वीङ्क्षमग पूल ओलंपिक स्तर का होगा। यहां पर अगले वर्ष राष्ट्रीय खेल कराये जाने की तैयारी है। यह स्वीङ्क्षमग पूल वातानुकूलित और सारी आधुनिक तकनीक से लैस होगा।
सरकार ने उत्तर प्रदेश ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई को विश्वविद्यालय बना दिया है। इस संस्थान में 500 बेड की क्षमता का विस्तार 33 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। संस्थान में ही 66 करोड़ रुपये की लागत से ट्रामा और बर्न सेंटर बन रहा है। यहां पहले से ही 500 बेड की क्षमता उपलब्ध है।
सड़कें खोलेंगी विकास के रास्ते
सैफई से गुजरने वाले इटावा-मैनपुरी मार्ग को 100 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन किया जा रहा है। 32 करोड़ रुपये की लागत से अलग बाईपास का निर्माण, पेट्रोल पंप से रिम्स तक ढाई करोड़ रुपये की लागत से सड़क का चौड़ीकरण, हवाई पट्टी तक 54 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन जैसे कार्य सड़क सुविधाओं की गवाही दे रहे हैं।
शिक्षा के भी माकूल इंतजाम
मुख्यमंत्री ने अपने क्षेत्र के लिए शिक्षा के भी खासे इंतजाम किये हैं। अमिताभ बच्चन इंटर कालेज के अलावा राजकीय बालिका इंटर कालेज नौ करोड़ की लागत से, पुरुष स्पोट्र्स कालेज 17 करोड़ व आईटीआई की स्थापना नौ करोड़ रुपये की लागत से शुरू कर दिये गये हैं। इसके अलावा पर्यटन काम्प्लेक्स 24 करोड़, किसान बाजार की स्थापना 31 करोड़,आधुनिक अग्निशमन केंद्रों का निर्माण साढ़े तीन करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।
लायन सफारी बना ड्रीम प्रोजेक्ट
इटावा में लगभग 64 करोड़ की लागत से लायन सफारी की स्थापना की जा रही है। यहां शेरों के तीन जोड़े लाये जा चुके हैं। अगले कुछ महीनों में यहां पर शेरों की ब्रीङ्क्षडग कर उन्हें सफारी में छोड़े जाने की योजना है। यह प्रोजेक्ट दिसंबर 2015 तक चालू होने की संभावना है।
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