लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त श्री जावेद उस्मानी ने बताया कि केन्द्रीय सूचना आयोग तथा अन्य प्रदेशों में स्थापित राज्य सूचना आयोग से सम्पर्क करके उनकी कार्यप्रणाली के बारे में फीड बैक प्राप्त करके उपयोगी प्रक्रियाओं को उ0प्र0 के राज्य सूचना आयोग में भी जनहित में लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सूचना आयोग की कार्यप्रणाली में सक्रियता लाने, आयोग द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 में निहित प्राविधानों, नियमों, कानून तथा जनहित में प्रदत्त की गयी शक्तियों, अधिकारों, कर्तव्यों को विधि सम्मत प्राविधानों के तहत लागू करने में सक्रिय पहल सुनिश्चित की जायेगी। आर0टी0आई0 एक्ट के अन्तर्गत आवेदकों द्वारा माॅंगी गयी सूचनाओं को निर्धारित अवधि में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराने की सुदृढ़ व्यवस्था की गयी है।
मुख्य सूचना आयुक्त श्री उस्मानी ने बताया कि प्रदेश के समस्त विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव, विभागाध्यक्षों, मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों तथा पुलिस प्रशासन के समस्त वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने तथा हर विभाग में जन सूचना अधिकारी तथा अपीलीय अधिकारी एक्ट में दिये गये प्राविधानों के अनुसार नियुक्त करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि आर0टी0आई एक्ट-2005 के नियमों के तहत आवदेकों द्वारा मांगी गयी सूचनाओं को 30 दिन में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराना अनिवार्य है। मामला आयोग में पहंुचने पर संबंधित जन सूचना अधिकारियों को कर्तव्यों की अवहेलना तथा सूचना उपलब्ध न कराने के आरोप में 25000 रुपये तक अर्थदण्ड से दण्डित करने, क्षतिपूर्ति दिलाने तथा विभागीय कार्रवाई कियेे जाने की कार्रवाई भी की जायेगी। एक्ट के तहत आर0टी0आई0 के आवेदन पत्रों की नियमित समीक्षा आयोग स्तर से की जायेगी।
श्री उस्मानी ने बताया कि राज्य सूचना आयोग को शीघ्र ही हाईटेक करते हुये आयोग की वेबसाइट को बेहतर बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 का जनहित में व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने तथा अधिनियम के प्राविधानों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करके आयोग के महत्वपूर्ण निर्णय एवं कार्यों के विषय में आम जनता तक सूचना उपलब्ध कराने की दिशा में आधुनिक प्रचार-प्रसार माध्यमों का सहयोग लिया जायेगा।
मुख्य सूचना आयुक्त श्री जावेद उस्मानी ने कहा कि सूचना प्राप्त करने वाले आवेदक को कम से कम समय में सूचना प्राप्त हो सके और लोगों को सूचना आयोग में कम से कम अपील/शिकायत करनी पड़े इसके लिए जन सूचना अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया जायेगा।