लखनऊ: दिनांक 18 मार्च, 2015, उत्तर प्रदेश सरकार ने निबन्धन (रजिस्ट्री) के पूर्व ई-स्टाम्प पत्र में आंशिक स्टाम्प की धनराशि के वापसी के सम्बन्ध में व्याप्त भ्रांति को दूर करते हुए एक सुस्पष्ट आदेश जारी किया है।
प्रदेश के स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा ई-स्टाम्प पत्र क्रय किए जाने के पश्चात उसे कम मूल्य के स्टाम्प लगाने की जानकारी होती है तो सम्बन्धित क्रेता द्वारा आवेदन किये जाने पर स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इंडिया के संग्रह केन्द्र द्वारा उसे पूर्व में जारी ई-स्टाम्प पत्र को निरस्त करते हुए, उसके स्थान पर अब दो प्रकार के ई-स्टाम्प पत्र जारी किये जायेंगे। एक वांछित कम धनराशि का ई-स्टाम्प पत्र तथा एक अन्य अन्तर की धनराशि के बराबर ई-स्टाम्प पत्र जारी किया जायेगा।
स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री ने बताया कि यदि पक्षकार चाहे तो वह अन्तर की धनराशि के ई-स्टाम्प पत्र को किसी अन्य विलेख में प्रयोग कर सकता है अथवा आवश्यकता न होने पर निरस्त कराकर अवशेष धनराशि नियमानुसार कटौती के साथ वापस प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने बताया कि शासन के संज्ञान में आया था कि ई-स्टाम्प पत्र जारी होने के बाद उससे कम धनराशि के स्टाम्प की आवश्यकता होती है तो पूरे स्टाम्प पत्र को निरस्त कर 10 प्रतिशत कटौती के साथ उसकी धनराशि वापस करने तथा वांछित धनराशि के नये ई-स्टाम्प पत्र जारी करने की प्रक्रिया अपनायी जा रही है। उन्होंने बताया कि नये आदेश द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है कि ऐसी स्थिति में अब स्टाक होल्डिंग को दो प्रकार के ई-स्टाम्प पत्र जारी करने होंगे। उन्होंने बताया कि इससे जनता को लाभ होगा। उन्होंने बताया कि स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इंडिया को निर्देशित किया गया कि वह अपने पोर्टल में आवश्यक संशोधन करे।