26 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

उ0प्र0 गिरोहबन्द और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अध्यादेश-2015 के प्रारूप को मंजूरी

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश गिरोहबन्द और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) (संशोधन) विधेयक-2015 के प्रारूप को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। 

इसके तहत उत्तर प्रदेश गिरोहबन्द समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम-1986 की धारा-2 में खण्ड ‘ख’ में उपखण्ड-15 के पश्चात निम्नलिखित नये उपखण्डों को मा0 उच्च न्यायालय खण्डपीठ लखनऊ द्वारा 08 जनवरी, 2013 को पारित आदेश के क्रम में सम्मिलित करने का प्रस्ताव किया गया है।
(सोलह) साहूकारी विनियम अधिनियम, 1976 के अधीन दण्डनीय अपराध।
(सत्रह) गोवध निवारण अधिनियम, 1955 और पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम, 1960 में उपबन्धों के उल्लंघन में मवेशियों के अवैध परिवहन और/या तस्करी के कार्याें में संलिप्तता।
(अठ्ारह) वाणिज्यिक शोषण, बंधुआ श्रम, बालश्रम, यौन शोषण, अंग हटाने तथा दुव्र्यापार, भिक्षावृत्ति और इसी प्रकार के क्रियाकलापों के प्रयोजनों हेतु मानव दुव्र्यापार करना।
(उन्नीस) विधिविरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1966 के अधीन दण्डनीय अपराध।
(बीस) जाली भारतीय करेंसी नोट का मुद्रण, परिवहन और परिचालन करना।
(इक्कीस) नकली दवाओं के उत्पादन, विक्रय और वितरण में अन्तर्ग्रस्त होना।
(बाईस) आयुध अधिनियम, 1959 की धारा 5, 7 और 12 के उल्लंघन में आयुध एवं गोला-बारूद के विनिर्माण, विक्रय और परिवहन में अन्तर्ग्रस्त होना।
(तेईस) भारतीय वन अधिनियम-1927 ओर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम-1972 के उल्लंघन में आर्थिक अभिलाभ के लिए गिराना अथवा वध करना, उत्पादों की तस्करी करना।
(चैबीस) आमोद तथा पणकर अधिनियम-1979 के अधीन दण्डनीय अपराध।
(पच्चीस) राज्य की सुरक्षा, लोक व्यवस्था और जीवन की गति को भी प्रभावित करने वाले अपराधों मंें संलिप्त होना।

Related posts

3 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More