लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के लिए पब्लिक इन्वेस्टमेन्ट बोर्ड (पी0आई0बी0) की स्वीकृति से इस परियोजना को और अधिक तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के तीन शहरों में मेट्रो चलाने वाला उत्तर प्रदेश देश का अकेला राज्य है। वाराणसी आदि नगरों में मेट्रो चलाने का डीपीआर तैयार हो गया है।
शीघ्र ही इस पर भी आगे कार्य शुरू होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में संचालित अन्य अवस्थापना परियोजनाओं को कम से कम समय में पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे प्रदेश में भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। ऊर्जा, सड़क, एक्सप्रेस-वे, मेट्रो आदि सभी क्षेत्रों में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकार बजट का बड़ा हिस्सा खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि इन विकास कार्यों से प्रभावित होकर निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए मन बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां होटल ताज में पीएचडी चैम्बर्स आॅफ काॅमर्स के तत्वावधान में आयोजित छमगज ळमदमतंजपवद प्दतिंेजतनबजनतम ैनउउपज.2015 में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। पीएचडी चैम्बर्स द्वारा प्रदेश के किसानों एवं विकास में लिए जा रहे रुचि की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जहां चैम्बर्स किसानों को आधुनिक तकनीक की जानकारी देने एवं उच्च गुणवत्ता के इनपुट उपलब्ध कराने का काम कर रहा है, वहीं विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से निजी निवेश को भी बढ़ावा दे रहा है। प्रदेश के किसानों की तरक्की से पीएचडी चैम्बर्स के सदस्यों को फायदा होगा, क्योंकि उन्हें पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सकेगा।
अवस्थापना सुविधाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बिना बड़े पैमाने पर न तो विकास सम्भव है और न ही जनता को आधुनिक सुविधाएं मुहैया करायी जा सकती हैं। कई बार प्रयोग में लायी जा रही सेवाओं के पीछे बुनियादी सुविधाओं की जरूरत को लोग समझ नहीं पाते। उदाहरण स्वरूप उन्होंने विद्युत आपूर्ति की चर्चा करते हुए कहा कि पर्याप्त बिजली उपलब्धता के लिए विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण के लिए बड़े पैमाने पर अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ-साथ निवेश की जरूरत पड़ती है। राज्य सरकार द्वारा पिछले तीन वर्षों में बजट के माध्यम से विद्युत विभाग को दिए जा रहे आर्थिक सहयोग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान बजट में राज्य सरकार ने लगभग 27,000 करोड़ रुपए ऊर्जा विभाग को उपलब्ध कराए हैं, जिससे विभाग द्वारा तीनों क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विकास किया जा रहा है।
श्री यादव ने आशा व्यक्त की कि विद्युत विभाग और अधिक गम्भीरता से काम करते हुए राज्य की जरूरत के हिसाब से विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित कराएगा। नगरों को लगभग 22 से 24 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विद्युत परियोजनाओं को निर्धारित समय से पूर्व पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार के इन्हीं प्रयासों के फलस्वरूप इस वर्ष गर्मियों में बिजली की अधिक किल्लत नहीं झेलनी पड़ी। उन्होंने विद्युत विभाग की सराहना करते हुए कहा कि अवैध बिजली के प्रयोग करने वालों को वैध उपभोक्ता बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। अकेले इटावा जनपद में 27,000 नये उपभोक्ता बनाए गए हैं।
श्री यादव ने कहा कि प्रारम्भ में जब आगरा-लखनऊ ग्रीन एक्सप्रेस-वे के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया तो लोगों को काफी आशंका थी। किसान भी इस परियोजना को लेकर शंकालु थे, लेकिन जब इस परियोजना के सम्बन्ध में किसानों से सीधी चर्चा कर उन्हें विश्वास में लिया गया तो सभी का सहयोग मिलने लगा। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है कि मात्र 6 माह में इस परियोजना के लिए आवश्यक लगभग 90 फीसदी से अधिक भूमि किसानों द्वारा उनकी सहमति से प्राप्त कर ली गई।
इस एक्सप्रेस-वे को ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों का आर्थिक परिदृश्य बदलने वाली परियोजना बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे 6 लेन का बनाया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर 8 लेन तक विस्तार किया जा सकता है। इससे आगामी कई वर्षों तक बढ़ने वाले यातायात घनत्व का असर एक्सप्रेस-वे पर नहीं पड़ेगा। एक्सप्रेस-वे के साथ आलू, अनाज, फल-सब्जी एवं दूध की मण्डियां स्थापित की जाएंगी। इससे किसानों को सीधा लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अभी तक अच्छी सड़क न होने के कारण लोग लखनऊ तक आने में हिचकते थे। उन्होंने भरोसा जताया कि इस एक्सप्रेस-वे के फलस्वरूप लखनऊ में बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे, जिससे यहां की अर्थव्यवस्था पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए काफी काम किया है। अस्पतालों में मिलने वाली निःशुल्क दवाओं व जांच के अलावा एम्बुलेंस सेवाओं के फलस्वरूप लोगों का रूझान सरकारी अस्पतालों की तरफ बढ़ा है। राज्य सरकार डायल-100 परियोजना पर काम कर रही है। कानून-व्यवस्था के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी परियोजना बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे पुलिस के रिस्पाॅन्स टाइम में कमी आएगी। निःशुल्क लैपटाॅप योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल असमानता कम हुई है और इसका लाभ प्रदेश को मिलेगा। विगत तीन वर्षों में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों के फलस्वरूप ही केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित स्मार्ट सिटी के लिए मानकों पर प्रदेश के 13 नगर खरे उतरे हैं। राज्य सरकार विकास के मामले में सहयोग देने में पीछे नहीं हटेगी।
श्री यादव ने कहा कि जिला मुख्यालयों को चार लेन की सड़कों से जोड़ने, लगभग 4,000 स्व0 जनेश्वर मिश्र ग्रामों में सी0सी0 रोड बनाने के साथ-साथ कामधेनु डेयरी परियोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम के सुझाव पर अमल करते हुए सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। जनपद कन्नौज में दो गांव की अलग से ग्रिड बनाकर सौर ऊर्जा की आपूर्ति की जा रही है, जिसका उद्घाटन डाॅ0 कलाम द्वारा किया गया था। 44,368 लोहिया आवासों में सोलर पावर पैक की स्थापना करके विद्युत उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही, सोलर सिंचाई पम्प तथा प्राथमिक विद्यालयों में सोलर विद्युत के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। विगत तीन सालों में बड़े पैमाने पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बैंक की शाखाएं खोली गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के सभी क्षेत्रों एवं वर्गों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। अकेले लखनऊ में कराए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि यहां विश्वस्तरीय इण्टरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ जनेश्वर मिश्र पार्क का निर्माण कराया जा रहा है। बहुत कम ऐसे नगर हैं, जहां आबादी के बीच में भव्य खूबसूरत पार्क का निर्माण हुआ है। इसके साथ ही लखनऊ में 50 कि0मी0 लम्बा साइकिल ट्रैक बनाने का काम चल रहा है। इसे 100 कि0मी0 तक बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि साइकिल ट्रैक से सुरक्षित यात्रा सम्भव हो सकेगी। इसके अलावा पुराने लखनऊ में कराए जा रहे विकास कार्यों तथा 300 बिस्तरों के बनाए जा रहे मदर-चाइल्ड हाॅस्पिटल का भी जिक्र मुख्यमंत्री ने किया।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार गोमती नदी में गिरने वाले नालों को रोकने के लिए कृत संकल्प है। साथ ही, गोमती रिवर फ्रण्ट का विकास भी तेजी से किया जा रहा है। लखनऊ में संचालित अन्य परियोजनाओं में जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र, ट्रिपल आई0टी0, सी0जी0 सिटी, संस्कृति विद्यालय, डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में स्थापित हो रहे लिंब सेण्टर तथा हाईकोर्ट की निर्माणाधीन भव्य बिल्डिंग का उल्लेख मुख्यमंत्री ने करते हुए कहा कि इनसे लखनऊ नगर के स्तर में काफी सुधार होगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पीएचडी चैम्बर्स आॅफ काॅमर्स द्वारा प्रकाशित ‘प्रोग्रेसिव उत्तर प्रदेश’ नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री श्री अभिषेक मिश्र ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश की जनता, उद्यमी एवं व्यापरी वर्ग का आत्मविश्वास बढ़ा है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल ने कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। राज्य सरकार अवस्थापना सुविधाओं के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा के कार्यक्रमों को भी पूरी गम्भीरता से संचालित कर रही है। लखनऊ-आजमगढ़-बलिया तक एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए सलाहकार कम्पनी का चयन हो चुका है। शीघ्र ही इस परियोजना पर आगे का कार्य शुरू होगा। इसके साथ ही राज्य सरकार बुलन्दशहर से मुजफ्फरनगर तथा झांसी-कानपुर-लखनऊ-गोरखपुर एक्सप्रेस-वे बनाने पर भी विचार कर रही है।
कार्यक्रम को प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री महेश कुमार गुप्ता, परिवहन आयुक्त श्री के0 रवीन्द्र नाईक, लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के निदेशक श्री महेन्द्र कुमार, पीएचडी चैम्बर्स के पदाधिकारी श्री महेश गुप्ता, श्री ललित खेतान, श्री बिन्देश्वरी पाठक आदि ने भी सम्बोधित किया।