लखनऊ: गन्ना संघ द्वारा गन्ना समितियों को दिये गये कालातीत ऋणों की वसूली हेतु एक मुश्त समाधान योजना लागू की गई है, जिसके अन्तर्गत बकाया मूलधन के बराबर ब्याज की अदायगी कर गन्ना समितियां अब ऋण मुक्त हो सकेंगी।
यह जानकारी प्रदेश के गन्ना एवं चीनी उद्योग आयुक्त श्री विपिन कुमार द्विवेदी ने देते हुए बताया कि इस योजना का लाभ अब तक 06 गन्ना समितियां ले चुकी हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना से गन्ना संघ को गन्ना समितियों से 5.85 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि प्राप्त होगाी। इस योजना के तहत मूलधन के बराबर ब्याज की धनराशि के ऊपर की ब्याज की धनराशि गन्ना समिति अधिनियम 1965 की धारा 27 के अन्तर्गत बट्टे खाते में डाल कर माफ कर दी जायेगी।
गन्ना आयुक्त ने बताया कि इस योजना से गन्ना संघ को जहां उसके लम्बित ऋण की अदायगी का लाभ मिलेगा तो दूसरी ओर गन्ना समितियों पर ब्याज के रुप में लगाई गई बड़ी धनराशि के भुगतान से उन्हें छूट मिल सकेगी तथा वह ऋण मुक्त हो सकंेगी। जिन गन्ना समितियों ने इस योजना के तहत लाभ उठाया है उनमें हरदोई ग्रोवर्स ने 1667782 रुपये, हरदोई गेट ने 14269578 रुपये, मोरना (मुजफ्फरनगर) ने 6256944 रुपये, स्यौहारा (बिजनौर) ने 61978795 रुपये, महोली (सीतापुर) ने 13524799 रुपये तथा गन्ना समिति गौर (बस्ती) ने 1592747 रुपये का लाभ लिया है।