अल्मोड़ा /देहरादून: ऐपण शिल्प कला सहित हस्त कला को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य में ऐपण कला परिषद का गठन करने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया हैं यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज डीनापानी में मैसर्स अल्मोड़ा ऐपण शिल्पकला स्वायत्त संस्था के चेली ऐपण के उद्घाटन के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष के प्रत्येक प्रान्त में यह कला अलग स्वरूपों में सन्नहित है।
उत्तराखण्ड में विशेषतः कुमाॅऊ मण्डल में सांस्कृतिक महत्व की ऐपण शिल्प कला अल्पना आलेखन को परम्परागत लोक कला के रूप में विशिष्ट पहचान हैं। ऐपण हस्त कला लोक संास्कृति से जुड़ी होने के कारण इसको प्रोत्साहित करने का निर्णय शासन ने लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में ऐपण के लोगो लगाने के साथ ही सूचना विभाग देहरादून द्वारा प्रकाशित होने वाली सूचना निर्देशिका के मुख्य पृष्ठ में ऐपण को प्रकाशित करने के निर्देश दिये गये है यही नही समय-समय पर इस कला को प्रोत्साहित करने के लिये विज्ञापन भी जारी किये जायेंगे। उन्होंने प्रमुख सचिव लघु एवं मध्यम उद्योग व जिलाधिकारी के द्वारा किये जा रही प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि अन्य जो भी महिलायें इस विधा से जुड़ना चाहती है उन्हंे प्रोत्साहित किया जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलम्बन की ओर आगे बढ़ाने के लिये महिलाओं को पे्ररित करना होगा साथ ही इस विधा को पर्यटन से भी जोड़ना होगा। अल्मोड़ा में ऐपण शिल्प कला उत्पादित माल को बाजार में विपणन हेतु भेजे जाने के लिये इस संस्था का कार्यालय चितई सरस मार्किट में बनाये जाने का जिला प्रशासन का निर्णय सराहनी है। उन्होंने सामान्य महाप्रबन्धक उद्योग केन्द्र को निर्देश दिये कि वे महिलाओं को इस विधा से जुड़ने का काम निरन्तर जारी रखे।
प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने ऐपण विधा को प्रोत्साहित करने के लिये ठोस निर्णय लिये जा रहे है। उन्होंने आश्वस्त किया कि देश विदेशों में इस विधा को प्रचारित प्रसारित किया जायेगा। जिलाधिकारी सविन बसंल ने विश्वास दिलाया कि इस विधा को आगे बढ़ाने के लिये जिला प्रशासन यथा सम्भव सहयोग प्रदान करेगा।