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‘एम-सेहत’ से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की एक नई शुरुआत हो रही है: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि ‘एम-सेहत’ परियोजना से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की एक और नई शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से अब मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के प्रयासों की प्रभावी माॅनीटरिंग की जा सकेगी।

इस परियोजना के अंतर्गत आशाओं को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने से उनका काम अब आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी के इस्तेमाल से भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सकता है। राज्य सरकार लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए बड़ी संख्या में पी0एच0सी0 और सी0एच0सी0 स्थापित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज अपने सरकारी आवास पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत सिफ्सा द्वारा निर्मित एवं संचालित मातृ एवं शिशु मृत्यु दर तथा सकल प्रजनन दर में कमी लाने हेतु ‘एम-सेहत’ परियोजना के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सिफ्सा की एम-सेहत परियोजना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ताओं जैसे आशा, ए0एन0एम0 और प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्साधिकारियों को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित करने से उनकी कार्य कुशलता बढ़ेगी।
श्री यादव ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से मदर चाइल्ड टैªकिंग सिस्टम को मजबूत करने में भी सफलता मिलेगी, जिससे गर्भावस्था और प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं और मां-बच्चे की असामयिक मौतों को कम किया जा सकेगा। फ्रन्ट लाइन वर्कर्स को सूचना एवं संचार प्रणाली के माध्यम से लाभार्थियों का पंजीकरण, ट्रैकिंग, काउन्सिलिंग, रिपोर्टिंग, स्क्रीनिंग तथा संदर्भन का कार्य करने में आसानी होगी। इससे निश्चित रूप से प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर तथा सकल प्रजनन दर में और कमी लायी जा सकेगी। प्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष 2015-16 को मातृ एवं बाल स्वास्थ्य वर्ष के रूप में मना रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह परियोजना माता एवं शिशु को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
कार्यक्रम को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि यह विश्व की सबसे बड़ी मोबाइल आधारित सूचना संचार एवं तकनीकी पर आधारित पायलेट परियोजना है और इसे अभी पांच जिलों – सीतापुर, कन्नौज, फैजाबाद, मिर्जापुर एवं बरेली में तीन वर्षों के लिए लागू किया जा रहा है। इसकी सफलता के बाद परियोजना को प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जाएगा। इसके तहत रिप्रोडक्टिव, मेटर्नल, न्यू बाॅर्न, चाइल्ड हेल्थ तथा एडोलेसेन्ट हेल्थ सम्बन्धी योजनाओं की आॅनलाइन रिपोर्टिंग सम्भव हो सकेगी।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने आशाओं को स्मार्ट फोन भी बांटे।
उल्लेखनीय है कि एम-सेहत परियेाजना के अंतर्गत 10,000 आशा वर्कर्स, 2,000 ए0एन0एम0 तथा 300 प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों/राज्य स्तरीय सम्बन्धित नोडल अधिकारियों को टैबलेट देने के साथ-साथ इसका प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा ताकि वे इसका उपयोग सफलतापूर्वक कर सकें। परियोजना के अंतर्गत मोबाइल फोन एप्लीकेशन द्वारा ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस का भी अनुश्रवण किया जाएगा और वहां की आपूर्ति, उपयोग एवं निस्तारण में भी सहयोग मिलेगा। इसके माध्यम से आशाओं को दिए जाने वाले मानदेय/इन्सेन्टिव का अनुश्रवण पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा सकेगा ताकि इनका भुगतान समय से हो सके।
कार्यक्रम के दौरान राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री शंखलाल मांझी तथा श्री नितिन अग्रवाल, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, अधिशासी निदेशक सिफ्सा श्री अमित कुमार घोष तथा बड़ी संख्या में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व आशा वर्कर मौजूद थे।

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