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पर्यावरण संरक्षण के सतत विकास के लिए महाराष्ट्र सरकार प्रतिबद्धल: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

देश-विदेश

विकास और पर्यावरण संरक्षण  के जतन को महाराष्ट्र सरकार ने हमेशा से महत्व दिया है।  पर्यावरण पूरक विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता है और यह सभी की जिम्मेदारी है ,  सह्याद्री पर्वत श्रृंखला, समुद्री तटों और पश्चिमी घाटों के पर्यावरण को संरक्षित करने की अपील मुख्यमंत्री श्री.एकनाथ शिंदे ने मुंबई मे कही ।

राज्य के नागपुर, मुंबई, महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण, छत्रपति संभाजीनगर, रत्नागिरी और नासिक शहरों में चक्रीय अर्थव्यवस्था पार्क बनाए जाएंगे और वर्ष 2024 तक ग्रीन बॉन्ड के माध्यम से 5 हजार करोड़ रुपये की राशि जुटाने का संकल्प सरकार ने लिया है।  महाराष्ट्र राज्य में घोषित 18 नए और सात प्रस्तावित संरक्षण आरक्षित वन क्षेत्रों के साथ कांदळवन के संरक्षण और जतन में सरकार सबसे आगे है, ऐसाी जानकारी उन्होने इस समय दि। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने शहरी जैव विविधता का अध्ययन करनेवाले छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है।

             पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री. शिंदे ने ‘माजी वसुंधरा 3.0’ पुरस्कार वितरण किया।

             इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री. शिंदे ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए पर्यावरण जरूरी है। विकास और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ चलने चाहिए। महाराष्ट्र राज्य देश में पारिस्थितिक रूप से अद्वितीय है। हमारा राज्य प्राकृतिक सुंदरता से भरा है और हमें इस अनमोल खजाने को संरक्षित करना है। राज्य सरकार पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। देश में पर्यावरण की दृष्टि से राज्य का महत्व अलग है और हमें प्रकृति का वरदान मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी घाट, समुद्र तट, सह्याद्री पर्वत श्रंखला हमारी अनमोल संपदा है जिसका  संरक्षण करना समय और समाज की जरूरत है।

             किसी भी परियोजना को क्रियान्वीत करते समय, पर्यावरण को क्षती पहॅुचाए बिना करनी चाहिए तथा उसका सतत विकास होने हेतू  आर्थिक  विकास करते समय प्रकृति का संतुलन और संरक्षण बनाए रखना जरुरी है । श्री. शिंदे ने जानकारी दी, पर्यावरणीय पूरक को विकास के राज्य के बजट का अभिन्न अंग माना है । आगे उन्होंने बताया की, सौर उर्जा ,जल पवन उर्जा क क्षेत्र में तीस हजार करोड़ के एमओयू करार किए है ।

             मुख्यमंत्री श्री. शिंदे ने कहा कि ‘माझी वसुंधरा 3.0’ के माध्यम से राज्य के स्थानीय निकायों में बड़ी संख्या में पेड़ लगाए गए।उनके सकारात्मक प्रदर्शन के चलते आज इन स्थानीय निकायों को 174 करोड का इनाम वितरित हुआ है । इन निकायों तथा अधिकारियों की पहल निश्चित रुप से पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। हमने पंचमहाभूतों के संरक्षण में बहुत अच्छा काम करके मेरा वसुंधरा अभियान 3.0 लागू किया है। यह सराहनीय है कि इस अभियान के माध्यम से दो करोड़ पौधे रोपे गए। प्रदेश में 16 हजार 714 नये हरित क्षेत्र सृजित किये गये हैं।

             जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक स्तर पर चर्चा हो रही है और दावोस में हुए विश्व निवेश सम्मेलन में भी यही चर्चा का विषय था। बढ़ते तापमान, बढ़ते समुद्र के स्तर, जैव विविधता में वृद्धि, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों जैसे खतरे उभर रहे हैं। इससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक व संवेदनशील होना जरूरी है ऐसी चिंता उन्न्होंने व्यक्त की ।

             आज के पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम ‘प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान’ की अवधारणा के साथ काम कर रहे हैं। प्रधान मंत्री श्री। मोदी ने पर्यावरण के लिए जीवनशैली की अवधारणा पेश की है। महाराष्ट्र बुनियादी सुविधाओं के विकास में पहले स्थान पर है और एक पर्यावरण पूरक समृद्धि राजमार्ग बनाया है। मुख्यमंत्री श्री ने कहा कि हम इस राजमार्ग के दोनों ओर 33 लाख पौधे लगाने जा रहे हैं। शिंदे ने कहा।

             इस अवसर पर ‘माजी वसुंधरा 4.0’ के लोगो का अनावरण, पंजीकरण हेतु पोर्टल का अनावरण, यूनिसेफ की पुस्तिका का प्रकाशन, विज्ञानधारा पत्रिका का प्रकाशन मुख्यमंत्री श्री. शिंदे, विधानसभा अध्यक्ष एड. नार्वेकर, राजस्व मंत्री श्री. यह विखे पाटिल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया था। इस दौरान सेंटर फॉर वॉटर सेनिटेशन के साथ कई एमओयू साइन किए गए।

माझी वसुंधरा 3.0 (मेरी वसुंधरा 3.0) पुरस्कारों का वितरण

             इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री. शिंदे विभिन्न संगठनों को सम्मानित किया । राज्य स्तरीय पुरस्कारों में पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम ने प्रथम पुरस्कार, नवी मुंबई नगर निगम ने द्वितीय पुरस्कार और पुणे नगर निगम ने अमृत शहरों (10 लाख से ऊपर की जनसंख्या) समूह में तृतीय पुरस्कार जीता।

अमृत शहरों (आबादी 3-10 लाख) समूह में, मीरा -भायंदर नगर निगम, अहमदनगर नगर निगम और पनवेल नगर निगम ने क्रमशः पहले तीन स्थान जीते।

सतारा नगर पालिका, बार्शी (सोलापूर) नगर पालिका और भुसावल नगर पालिका ने क्रमशः अमृत शहरों (जनसंख्या 1-3 लाख) समूह में पहले तीन स्थान हासिल किए। इसके साथ राज्य के विभिन्न नगरपरिषदों को भी पुरस्कारों से सन्मानित  किया गया ।

भूमि विषयक क्षेत्र में सर्वोच्च प्रदर्शन करने वाले शहरों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया। पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम, मीरा भायंदर नगर निगम, सातारा नगर परिषद, लोनावळा नगर परिषद, गडहिंग्लजनगर परिषद, दहीवड़ी नगर परिषद, पांचगनी नगर निगम, सोनई ग्राम पंचायत, बोराडी ग्राम पंचायत, वाघोली ग्राम पंचायत, शिरसाठे ग्राम पंचायत को विभिन्न समूहों में सम्मानित किया गया ।

             इस अवसर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया। सौरभ राव (पुणे), राधाकृष्ण गमे (नासिक) और श्रीमती विजयलक्ष्मी बिदरी (नागपुर संभाग) को संभागीय आयुक्त समूह में क्रमशः प्रथम तीन पदों से सम्मानित किया गया।

             श्रेष्ठ जिलाधिकारी  की श्रेणी में डॉ राजेश देशमुख (पुणे), रुचेश जयवंशी (सतारा) और राहुल रेखावार (कोल्हापुर) को क्रमशः प्रथम तीन स्थान प्राप्त हुए।

             जितेंद्र डूडी (सांगली), आशीष येरेकर (अहमदनगर) और श्रीमती आशिमा मित्तल (नासिक) को सर्वश्रेष्ठ मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद समूह में क्रमश: पहले तीन स्थान दिए गए।

राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, विधानसभा अध्यक्ष एड. राहुल नार्वेकर, राज्य के आबकारी मंत्री शंभूराज देसाई, विधायक संजय गायकवाड़, विधायक राजेंद्र राउत, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव प्रवीण दराडे, स्विट्जरलैंड के उच्चायुक्त मार्टिन मेयर, अबासाहेब जरहाद, विजय नाहटा सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।

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