नई दिल्लीः केन्द्रीय मंत्री श्री वेंकैया नाडू की उपस्थिति में महाराष्ट्र सरकार ने आज भारत छोड़ो आंदोलन की प्लेटिनम जुबली समारोह मनाने के दौरान विभिन्न तरह की सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन का शुभारंभ किया। इस आंदोलन की शुरुआत ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान, मुंबई से की गई जहां से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 1942 में भारत छोड़ो का आह्वान किया था।
इस अवसर पर श्री नायडू ने कहा ‘ आज आजादी के 68 साल बाद राष्ट्र को सामाजिक बुराइयों से छुटकारा दिलाने और देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए लोगों को फिर वही जुनून , उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ जबाव देने की जरूरत है। ‘उन्होंने कहा कि देश से गरीबी को पूर्ण रूप से खत्म करना है। सभी को शिक्षा मुहैया कराना, रोजगार का सृजन करना, कल्याणकारी उपायों के साथ विकास की तलाश करना ‘गरीबी छोड़ो’ अभियान का बड़ा हिस्सा है।इस काम में देश के सभी नागरिकों को सरकार को अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने बल देकर कहा कि अंत्योदय आगे का रास्ता है।
श्री नायडू ने आगे कहा कि सभी मोर्चों पर देश की तेजी से तरक्की के लिए समाज के सभी लोगों को विकास कहानी का हिस्सा होना चाहिए चाहे वे किसी भी जाति, धर्म, क्षेत्र के हों। उन्होंने कहा कि संक्षेप में कहें तो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नारा ‘ सबका साथ ,सबका विकास ’के पीछे यही दर्शन है। मंत्री महोदय ने कहा कि हमें स्वराज से देश को सुराज में ले जाने के लिए अशिक्षा, भेद भाव, फूट, आतंकवाद और राष्ट्र विरोध को भारत छोड़ो कहने की जरूरत है।
केन्द्रीय मंत्री जिनके पास शहरी विकास एवं सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय दोनों का प्रभार है, ने बताया कि नागरिकों को राष्ट्रभक्ति को याद दिलाने खासकर नई पीढ़ी में इस भावना को जगाने के लिए भारत इस साल स्वतंत्रता दिवस को ‘ आजादी 70 साल- जरा याद करो कुर्बानी’ के रूप में मना रहा है। ‘ सभी केंन्द्रीय मंत्रियों और राज्य के मुख्मंत्रियों को कहा गया है कि वे स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े दो राष्ट्रीय प्रतिमानों के जन्म स्थल का वे दौरा करें। इनमें जालियांवाला बाग, चौरी -चौरा साबरमति आश्रम दांडी आदि शामिल हैं।
इसे पहले लोगों को संबोधित करते हुए महारारूट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में मुंबई की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आज फिर यह शहर दूसरा भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत कर इस दिशा में अग्रणी भूमिका में है। आज की हमारी लड़ाई अंग्रेजों के साथ नहीं है बल्कि राष्ट्र में फैले भ्रष्टाचार, किसानों की आत्महत्या की समस्या, कुपोषण जल बर्बादी, आतंकवाद और सामाजिक बुराइयों से है।
इससे पहले श्री वेंकैया नायडू ,श्री देवेंद्र फडनवीस, श्री सुधीर मुंगातिवर, श्री विनोद तावडे और अन्य लोगों ने अगस्त क्रांति मैदान में अगस्त क्रांति दिवस मेमोरियल पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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