नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्य सचिव श्री स्वाधीन क्षत्रिय ने केंद्र सरकार को अवगत करा दिया गया है कि महाराष्ट्र मार्च 2018 तक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) राज्य हो जायेगा। उन्होंने ये बातें पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर के साथ मूबई में संपन्न एक बैठक में कही और उल्लेख किया कि महाराष्ट्र इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सही दिशा में अग्रसर है।
सचिव ने आगे बताते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार के पास ओडीएफ घोषणा के लिए त्रिस्तरीय सत्यापन प्रणाली के साथ एक मजबूत तीसरा पक्ष सत्यापन प्रणाली भी है। मुख्य सचिव ने कहा कि महाराष्ट्र का लक्ष्य न सिर्फ ओडीएफ उपलब्धि हासिल करना है बल्कि राज्य में स्वच्छ भारत कार्यान्वयन के लिए हाथ को साफ रखना, मासिक धर्म स्वच्छता, सामुदायिक शौचालयों आदि को भी शामिल कर स्वच्छता का व्यापक लक्ष्य रखा है। कई स्तरीय साफ-सफाई अभियान-जैसे कार्यालयों को स्वच्छ रखना, जीपी को स्वच्छ रखना, स्वच्छ विद्यालय- का भी काम तेजी से चल रहा है।
इसके बदले मंत्रालयीय सचिव ने मंत्रालय की ओर से राज्य को इस काम के लिए पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है। जिला स्तरीय स्वच्छ भारत प्रेरक पहल के तहत, टाटा ट्रस्ट के साथ सहयोग से मंत्रालय के एसबीएम (जी) गतिविधियों के लिए जिला स्तरीय एक प्रेरक नियुक्त किया जायेगा। सचिव ने सार्वजनिक उद्यम विभाग के सचिव की उपस्थिति में पश्चिमी क्षेत्र के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के मुख्य प्रबंध निदेशकों के सामने स्वच्छ भारत मिशन में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति से कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के अधिकारी प्रभावित हुए और अपने द्वारा किए जा रहे प्रयासों जैसे विद्यालय स्वच्छता, राजमार्गों पर स्वच्छता के लिए सामुदायिक शौचालयों आदि कार्यक्रमों के बारे में विवरणी भी पेश की। सार्वजनिक उद्यम विभाग के सचिव ने इस बैठक में जोर देते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम अपने कर्मचारियों और प्रबंधन प्रशिक्षुओं को बदलाव के लिए स्वच्छता चैंपियन और प्रतिनिधि के रूप में भी प्रशिक्षित करें।