देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रेमनगर स्थित महर्षि विद्या मन्दिर के रजत जयन्ती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग
किया। उन्होने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा, खेती व हस्तशिल्प राज्य की तरक्की के तीन मूल मंत्र हैं जिन्हें राज्य के प्रत्येक नागरिक को अपनाना होगा। किसी भी व्यक्ति की पहली पाठशाला उसका परिवार होता है। माता-पिता अपने बच्चों की पढाई पर व्यक्तिगत तौर पर ध्यान दें। हमारे छात्र-छात्रायें देश के भावी कर्णधार है, उनके ऊपर देश व प्रदेश को नई ऊंचाईयों तक ले जाने की जिम्मेदारी है। बच्चे देश का भविष्य होते है और हम सभी को अपना और देश का भविष्य बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। इसके लिये नयी तकनीकी व शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों को समझना होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि शिक्षा के विकास में महर्षि विद्या मन्दिर समूह का बहुत बड़ा योगदान है। बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ भारतीय संस्कृति से अवगत कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों का प्रयास रहे कि वे सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर एक आर्दश नागरिक के रूप में तैयार करें। उन्होंने क्षेत्र में शिक्षा के आधारभूत ढांचे को और सुदृढ़ करने हेतु सभी को प्रयास करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों की सराहना की। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह, स्कूल की प्रचार्या किरण जोशी सहित स्कूल के अध्यापक, छात्र छात्राएं, अभिभावक उपस्थित थे।