महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने विश्व अहिंसा दिवस मनाते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी. संयुक्त राष्ट्र ने गांधीजी को पर्यावरण संरक्षण से संबंधित अभियान में अग्रणी व्यक्तित्व मानते हुए कहा कि उनके विचार पर्यावरण की रक्षा के लिए दुनिया का मार्गदर्शन कर सकते हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष तिजानी मुहम्मद-बांदे ने बुधवार को कहा कि दुनिया को जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के खतरों के बारे में पता चलने से बहुत पहले ही गांधी पर्यावरण अभियान में शामिल थे.
मुहम्मद-बांदे ‘गांधीवादी तरीके से जलवायु अभियान’ (क्लाइमेट एक्शन : गांधियन वे) विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. गांधी जयंती पर अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है.
उन्होंने गांधीजी को संयुक्त राष्ट्र के लिए एक हीरो बताते हुए कहा , “उनसे बड़ा हीरो कोई नहीं है, जो हिंसा को हमेशा नकारते रहे.”
संयुक्त राष्ट्र में आर्थिक और सामाजिक परिषद के अध्यक्ष मोह जूल ने कहा कि दुनिया को गांधी के शब्दों पर ध्यान देना चाहिए, जिन्होंने विश्व को गरीबों के दृष्टिकोण से देखा.
इस दौरान भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने भी महात्मा गांधी की अहिंसा और पर्यावरण के प्रति सजगता का उल्लेख किया.
उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी मुख्य रूप से राजनीतिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर अपनी अहिंसा की वकालत के लिए जाने जाते हैं. फिर भी लगभग एक शताब्दी पहले महात्मा गांधी की सोच में अहिंसा का सिद्धांत केवल कुछ लोगों के लिए ही नहीं बल्कि समस्त मानव जगत के लिए था.”
नोट्रे डेम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेविड कॉर्टराइट ने कश्मीर में शांति लाने के लिए गांधी की प्रासंगिकता की बात की.
उन्होंने कहा, “आज के समय में असंतोष और हिंसा का खतरा है. लेकिन इससे बचना चाहिए, क्योंकि इसी बात पर गांधी जोर देते थे. मुद्दे सुलझाने का एकमात्र रास्ता अहिंसक लोकतांत्रिक साधनों से है.”