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महेश नवमी: माहेश्वरी समाज इस शुभ मुहूर्त पर इस पूजा विधि से करें शिव आराधना

अध्यात्म

भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा आराधना का दिन महेश नवमी का दिन हैं। इस साल महेश नवमी 11 जून के दिन मनाई जाएगी। इस दिन के लिए ऐसी मान्यता है की भगवान शिव के वरदान से इसी दिन माहेश्वरी समाज की उत्पति हुई थी। आज हम इस लेख में महेश नवमी के दिन भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा आराधना के लिए से संबंदित बातों के बारे मे बता रहें हैं।

महेश नवमी का शुभ मूहूर्त-

महेश नवमी तिथि प्रारंभ – 11 जून 2019 को 02:53 बजे

महेश नवमी तिथि समाप्त – 12 जून 2019 को 00:49 बजे

महेश नवमी की पूजा विधि

  • महेश नवमी के दिन सुबह उठकर स्नानादि कर भगवान शिव की प्रतिमा के समीप पूर्व या उत्तर में मुख करके बैठ जाएं। इसके साथ ही हाथ में जल, फल, फूल और चावल लेकर इस मंत्र – मम् शिवप्रसाद प्राप्ति कामनया महेश नवमी निमित्तं शिवपूजनम् करिष्ये – से संकल्प करें।
  • महेश नवमी की पूजा के लिए संकल्प करने के बाद माथे पर भस्म का तिलक और गले में रुद्राक्ष की माला धारण करें।
  • इसके बाद गंध, पुष्प और बिल्वपत्र आदि से भगवान शिव-पार्वती का पूजन करें। भगवान शंकर की प्रतिमा के समीप महेश्वराय नम: का स्मरण करें।
  • अगर भगवान शिव की मूर्ती नहीं है तो चिकनी मिट्टी से भगवान शिव की मूर्ति बना कर इसके बाद शूलपाणये नम: से मूर्ति की प्रतिष्ठा और पिनाकपाणये नम: से भगवान का आह्वान करें।
  • इसके बाद शिवाय नम: से स्नान कराने के बाद पशुपतये नम: से गंध, पुष्प, धूप, दीप के बाद भोग अर्पित करें।फिर भगवान शिव से प्रार्थना करें।
  • पूजा करने के बाद उद्यापन कर शिव मूर्ति को साफ पानी में विसर्जित करें। महेश नवमी के दिन इस तरह भगवान शिव का पूजन करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।

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