लखनऊ: ईरान के राष्ट्रपति अयातुल्लाह सैय्यद इब्राहिम रईसी और उनके साथियों के साथ जो दुखद हादसा हुआ, इस ग़म में मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद सोगवार है। ये इतना बड़ा हादसा है जिसने पूरी दुनिया को शोक में डाल दिया है। उनकी अचानक मृत्यु ने हमारे दिलों को तोड़ दिया है और इस्लामी जगत एक ऐसे सदमे से जूझ रहा है जिसे बयान नहीं किया जा सकता है।
मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने अपने शोक संदेश में कहा कि अयातुल्लाह रईसी इमाम रज़ा (अ.स.) के एक ग़ैरतमंद ख़ादिम थे और इमाम रज़ा (अ.स.) के शुभ जन्मदिवस के अवसर पर वह इमाम की ख़िदमत में बरियाब हो गए। उनकी ख़िदमात को हमेशा याद रखा जायेगा। यह एक ऐसा हादसा है जिसको भुलाना आसान नहीं होगा। उनकी शहादत न केवल ईरान के लिए बल्कि इस्लामी जगत के लिए भी एक बड़ी क्षति है। मौलाना ने कहा कि अयातुल्लाह रईसी और उनके साथ शहीद हुए सभी लोग मिल्लते इस्लामिया का अज़ीम सरमाया थे। उनकी शहादत ने पूरी मिल्लत को सोगवार किया है। हम इस हादसे को कभी भुला नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि ईरान ने इससे पहले भी गंभीर दुर्घटनाओं का सामना हुआ है, ख़ुदा ने चाहा तो ईरान इससे भी उभरेगा और निरंतर विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा।
मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव ने कहा कि हम इस कठिन और दुखद मौक़े पर इमामे ज़माना (अ.स.) ,अयातुल्लाह सैय्यद अली ख़ामेनई, मिल्लते शहीद परवर ईरान, उनके परिवार के सभी सदस्यों और इस्लामी जगत के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। हम दुआ करते हैं की अल्लाह मुहम्मद व आले मुहम्मद के सदक़े में रहबरे मोअज़्ज़म, मिल्लते ईरान और शहीदों के परिवार को सब्र अता फरमाए।