असम के तिनसुकिया जिले में शुक्रवार को उग्रवादी संगठन उल्फा आई (United Liberation Front of Asom) और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई. इस बीच उल्फा का एक सदस्य के मारे जाने की सूचना है.
यह जानकारी जिले के एसपी देबोजीत देवरी ने दी. उन्होंने बताया कि उल्फा के 6 कैडरों के गोला- बारूद के साथ घुसपैठ की सूचना मिली थी. सर्च ऑपरेशन के दौरान उग्रवाद संगठन ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी. करीब 30 मिनट तक दोनों तरफ से गोलीबारी हुई है.
इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार असम रोजिमेंट के जवानों को जिले के काकापाथर इलाके में दो उग्रवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरना शुरू किया. इस दौरान उल्फा के उग्रवादियों को इसकी भनक लगी और ग्रेनेड से हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि रूपम असम के नेतृत्व में उल्फा संगठन के 6 उग्रवादी शामिल थे. फिलहाल इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है. घटना स्थल पर अपर असम जीतमल डोले और तिनसुकिया के एसपी देबजीत देउरी मौजूद हैं.
उल्फा प्रमुख ने की थी युद्ध विराम की घोषणा
गौरतलब है कि असम में हिमंत बिस्वा सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद उल्फा आई के प्रमुख परेश बरुआ ने युद्ध विराम की घोषणा की थी. मीडिया को दिए एक साक्षतकार में परेश बरुआ ने बताया था कि उल्फा की तरफ से की जाने वाले हमले युद्ध विराम में बाधा बन सकती है. उन्होंने उल्फा के युवाओं से हथियार डालने को लेकर भी अपील की थी. मीडिया रिपोर्ट की माने तो पिछले कुछ दिनों में असम के कई युवा उल्फा आई में शामिल हुए हैं.
जानिए क्या है उल्फा संगठन का लक्ष्य
उल्फा या यूनाइटेड लिबरेशन फ़्रण्ट ऑफ़ असम भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में सक्रिय एक प्रमुख आतंकवादी और उग्रवादी संगठन है. सशस्त्र संघर्ष के द्वारा असम को एक स्वतन्त्र राज्य बनाना इसका लक्ष्य है. भारत सरकार ने इसे साल 1990 में प्रतिबन्धित कर दिया और इसे एक आतंकवादी संगठन के रूप में वर्गीकृत किया है.
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