नई दिल्ली: सितंबर 2014 में मेक इन इंडिया पहल की शुरुआत के बाद अक्टूबर 2014 से लेकर अप्रैल 2015 की अवधि में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 48 प्रतिशत वृद्धि होना एक महत्वपूर्ण घटना है।
वर्ष 2014-15 में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 717 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई जो विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा 40.92 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश से संभव हुआ। वर्ष 2014-15 के दौरान अप्रूवल रूट से 2.22 बिलियन अमरीकी डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से 87 प्रतिशत वृद्धि का संकेत मिलता है, जो इस अवधि के दौरान अन्य क्षेत्रों में उदारीकरण के बावजूद हैं और ऑटोमेटिक रूट से 90 प्रतिशत से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हो पाया। इन संकेतकों से इस बात का पता चलता है कि सरकार ने भारत के पुनर्निर्माण में निवेशकों का विश्वास जीता है।
भारत में प्रत्यक्ष विदेश निवेश में वृद्धि, विशेष कर विश्व भर इसके घटते संकेतकों के बीच देश की अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ने का संकेत है, जो सरकार की ओर से व्यापार में आसानी लाने के उद्देश्य से किये गये उपायों के परिणामस्वरूप संभव हुए हैं। सरकार की मेक इन इंडिया पहल और सभी निवेशकों को इसके बारे में अवगत कराये जाने से भारत में निवेश के लिए उत्साहवर्धक वातावरण तैयार हुआ है, जो पिछले वित्त वर्ष, विशेषकर, दूसरी छमाही के परिणामों से जाहिर है।
भारत एक ऐसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति और प्रणाली के लिए वचनबद्ध है, जो निवेशकों के अनुकूल हो और उत्पादन बढ़ाने, रोजगार सृजन करने और कुल मिलाकर देश के आर्थिक विकास के लिए निवेश को बढ़ावा दे।