हरिद्वार: स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी ने कहा कि यदि राम का मंदिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो मक्का, वेटिकन सिटी या किसी अन्य तीर्थ में नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के अनेक प्रमाण मिल चुके हैं।
पुरातत्व विभाग से भी यह साबित हो गया है कि अयोध्या में मंदिर था, क्योंकि वहां आम्रपल्लव कलश व मूर्तियां मिली थीं। उन्होंने कहा कि अगर मुस्लिम पक्ष मंदिर के लिए बड़प्पन दिखाएगा तो मस्जिद बनवाने की जिम्मेदारी मेरी है। इसके लिए जो सामग्री की आवश्यकता होगी वे भारत माता मंदिर की तरफ से उपलब्ध कराएंगे।
स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि ने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने अपने कार्यकाल में मुझे जिम्मेदारी दी थी कि हिंदू और मुसलमानों के बीच मध्यस्थता कर मैं मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कराऊं।
इस बारे में दोनों पक्षों से वार्ता हो गई थी और मौलाना भी मंदिर निर्माण के पक्ष में सहमत थे। जब उन्होंने यह बात वीपी सिंह को बताई तो वे भी बहुत खुश हुए। उसी दिन सात बजे संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर होने थे, लेकिन समय बीत गया।
जब उन्होंने वीपी सिंह से हस्ताक्षर कराने को कहा तो उन्होंने कहा कि कुछ गलती हो गई है। क्योंकि हमने इस मामले में अब्दुल्ला बुखारी को भी शामिल कर लिया, जिन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि फैसला हुआ तो वे ईंट से ईंट बजवा देंगे। स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी ने मुस्लिम पक्ष के लोगों से आग्रह किया कि अगर वे वहां मस्जिद मांगते भी हैं तो उनके यहां जकात की व्यवस्था है और वे जकात यानी दान में उनसे कुछ जमीन मांगते हैं तो उन्हें बड़ा दिल दिखाना चाहिए। सोर्स अमर उजाला