नई दिल्ली: रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा है कि ‘मेक इन इंडिया’ पर प्रधानमंत्री के विशेष जोर को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे लगभग 40,000
करोड़ रुपये की आर्डर बुक (क्रयादेश बही) के साथ दो रेल इंजन कारखाने लगाने के लिए बोलियों को अंतिम रूप देने में समर्थ हुई है। उन्होंने कहा कि बोली प्रक्रिया पूर्णतया पारदर्शी थी और प्राप्त हुई दरें अत्यंत प्रतिस्पर्धात्मक थीं। आज संसद में रेल बजट 2016-17 पेश करते हुए उन्होंने कहा कि ये कारखाने अनेक फलती-फूलती लघु और मझौली अनुषंगी इकाइयों के एक पारिस्थितिकी तंत्र की रचना करेंगे, जो ग्लोबल सप्लाई चेन के साथ जुड़ जाएगा।
रेल मंत्री ने कहा कि इससे समूचे पूर्वी क्षेत्र में रोजगार संभावनाओं में काफी वृद्धि होगी। श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारतीय रेलवे ने इसके बाद ‘राजधानी’ और ‘शताब्दी’ की सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले रेलगाड़ी सेटों के विनिर्माण, आपूर्ति और अनुरक्षण हेतु समान बोली प्रक्रिया आरंभ की है। वर्तमान खरीद को 30 प्रतिशत बढ़ाए जाने का प्रस्ताव किया गया है।