लखनऊ: प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभिजात ने सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया है कि मानसून आने से पहले ही शहरों की साफ-सफाई सुनिश्चित करा ली जाए। साथ ही बरसात में कहीं पर भी जलभराव की समस्या ना हो, इसके लिए सभी नालों-नालियों की पूर्ण रूप से सफाई कराई जाए और साफ-सफाई की वास्तविकता जानने के लिए ड्रोन कैमरे से इसकी निगरानी कराते हुए सर्वे रिपोर्ट शासन को शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। साथ ही नालों व नालियों की पैमाइश के लिये निरीक्षण का डॉक्यूमेंटेशन भी कराया जाए। उन्होंने कहा कि कहीं पर भी जलभराव की संभावना हो तो इसके निकास के लिए पंम्पो की व्यवस्था अभी से ही कर ली जाए, जिससे कि लोगों को जलभराव की समस्या और इससे उत्पन्न परेशानियों व रोगों से न जूझना पड़े।
प्रमुख सचिव श्री अमृत अभिजात आज नगरीय निकाय निदेशालय में निकायों के कार्यों की वर्चुअल समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सभी नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी एवं मंत्री जी के निर्देश पर शासन स्तर से शहरों की साफ-सफाई, सुंदरीकरण एवं वायु प्रदूषण में सुधार, नगरीय जीवन को सुगम, सरल, सहज एवं व्यवस्थित करने के निर्देश दिए गए हैं। इन सभी कार्यों को जमीन पर उतार कर सरकार की मंशानुरूप लोगों को सुविधाएं प्रदान करें। उन्होंने शहरों में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण एवं इनकी साफ-सफाई व रख-रखाव पर भी ध्यान देने, लिगेसी बेस्ट के समुचित निस्तारण, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने को कहा। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों को जोन व सेक्टर में बांटकर कार्यों में गति लाई जाए। स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस बल के सहयोग से शहरी जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए सड़कों, चौराहों, पार्कों व सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। साथ ही अवैध टेंपो/बस/ई-रिक्शा स्टैंड को शहर से हटाए जाने के निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव ने अमृत योजना के तहत सभी नगरीय निकायों में बनने वाले अमृत सरोवरों के अधूरे कार्याे को शीघ्र पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि जुलाई के प्रथम सप्ताह तक में कुछ अमृत सरोवरो का लोकार्पण किया जाना है। इसके लिए कार्यों को समय से पूरा किया जाए। साथ ही कान्हा गौशालाओं एवं अंत्येष्टि स्थलों के निर्माण में भी तेजी लाई जाए। उन्होंने शहरों में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से रोक लगाने तथा नगरपालिका परिषदों व नगर पंचायतों के परिसीमन संबंधी अधूरे कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
श्री अमृत अभिजात ने कहा कि प्रदेश में 01 जुलाई से 31 जुलाई, 2022 तक चलाए जाने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान तथा 16 जुलाई से 31 जुलाई, 2022 तक दस्तक अभियान में नगरीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इसके लिए सभी निकायों में सेंसटाइजेशन की शीघ्र बैठक कराई जाए। वार्डवार मोहल्ला निगरानी समितियों को क्रियाशील किया जाए। सिविल सोसाइटीज, आशा बहुओं एवं आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की भी सहायता ली जाय। उन्होंने बीमारी पैदा ना हो, इसके लिए एंटीलार्वा का छिड़काव करने, खुले में शौच पर रोक तथा साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। इस दौरान मलिन बस्तियों में भी जरूरी कार्य कराया जाय। लोगों को साफ पानी पीने को मिले, इसके लिए नियमित रूप से पानी की जांच कराते रहें, जिससे कि डेंगू, चिकनगुनिया, दिमागी बुखार हैजा या कालाजार जैसी बीमारियों को पनपने से पहले ही रोका जा सके।
प्रमुख सचिव नगर विकास ने कहा कि निकायों को स्वावलंबी बनाने के लिए इनकी आय बढ़ाने के स्रोतों पर कार्य किया जाए। इसके लिए गृह, जल एवं सीवर कर की वसूली के साथ ही नामांतरण, लाइसेंस, जल मूल्य, विज्ञापन, दुकानों का किराया,मलवा एवं पार्किंग आदि शुल्क की वसूली की जाए। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों की दो से तीन गुनी आमदनी होनी चाहिए। इसके लिए टैक्स स्ट्रक्चर को बढ़ाया जाए। संपत्तियों के जीआईएस आधारित सर्वे कार्य में तेजी लाई जाए। इसकी मॉनिटरिंग के लिए जीआईएस सेल का गठन भी किया जाए। उन्होंने प्रॉपर्टी सर्वे में लगी कार्यदाई संस्थाओं को रिवेन्यू इंस्पेक्टर के साथ मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए। नगरीय सेवाओं को आसान एवं पारदर्शी बनाने के लिए पूर्णरूप से ऑनलाइन व्यवस्था संचालित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में विशेष सचिव श्री इन्द्रमणि त्रिपाठी, निदेशक नगरीय निकाय सुश्री नेहा शर्मा, नगर आयुक्त लखनऊ श्री अजय कुमार द्विवेदी के साथ स्टेकहोल्डर्स एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इसके अलावा बैठक में सभी नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारी वर्चुयली जुड़े थे।