अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक सुश्री क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।
राष्ट्रपति भवन में सुश्री जॉर्जीवा का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया कोविड महामारी के तीसरे वर्ष से गुजर रही है। उन्होंने कहा कि आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे बहुपक्षीय संस्थानों द्वारा कई कम आय वाले देशों को उल्लेखनीय सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा प्रणाली की स्थिरता बनाए रखने में आईएमएफ को एक अहम भूमिका निभानी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम का दुनिया में ऊंचा स्थान है। हमारे देश में स्टार्ट-अप की सफलता, विशेष रूप से यूनिकॉर्न की बढ़ती संख्या, हमारी औद्योगिक प्रगति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इससे भी अधिक खुशी की बात यह है कि हमारे देश का विकास और अधिक समावेशी होता जा रहा है तथा क्षेत्रीय विषमताएं भी कम हो रही हैं। आज के भारत का मूल मंत्र है करुणा – वंचितों के लिए, करुणा – जरूरतमंदों के लिए और हाशिए के लोगों के लिए।
भारत में 2023 में आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के बारे में बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि जी-20 में बहुपक्षीय सहयोग विविधता को ध्यान में रखते हुए समावेश और लचीलेपन के सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत की अध्यक्षता के दौरान जी-20 फोरम सभी के लिए एक शांतिपूर्ण, टिकाऊ और समृद्ध दुनिया के निर्माण की दिशा में बहुपक्षवाद एवं वैश्विक प्रशासन को और मजबूत बनाने हेतु प्रयास करने की आकांक्षा के साथ आगे बढ़ेगा।