नई दिल्ली: सिक्किम के राज्यपाल श्री श्रीनिवास पाटिल ने आज जोर देकर कहा कि भाषा सम्वाद का एक कारगर माध्यम है और हिन्दी ही वह भाषा है जो देश में सबसे ज्यादा बोली और समझी जाती है। उन्होंने हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं को रोजगार के साथ जोड़ने और संघ तथा राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में भारतीय भाषाओं को अधिक महत्व दिए जाने की जरूरत रेखांकित की।
श्री पाटिल आज गंगटोक के चिंतन भवन में भारत सरकार की गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित पूर्व एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रों के क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे। राज्यपाल महोदय ने हमारे पूर्वजों की दूरदृष्टि की सराहना करते हुए जोर देकर कहा कि हमारे संविधान के निर्माताओं ने देवनागरी लिपि के साथ हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया क्योंकि वे इस भाषा की सुदूर पहुंच से अवगत थे।
जनसमूह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने अपनी भाषा के प्रति प्रेम को देश भक्ति का एक रूप बताया। समझने में सरल एवं सुगम शब्दों के उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए श्री रिजिजू ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं के कारगर क्रियान्वयन में हिन्दी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करती है। श्री रिजिजू ने कहा कि अगर हमें सरकारी योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है तो हमें अनिवार्य रूप से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकारी काम केवल लोगों की ही भाषा में हो। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्यों में हिन्दी के उपयोग को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास कर रहा है।
अपने भाषण में राजभाषा सचिव श्री अनूप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अपनी खुद की भाषा में मौलिक लेखन सरल और सहज बन जाता है, जो अनुवाद की भाषा में संभव नहीं होता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सरकार के कार्यालय एवं संगठनों में अधिक से अधिक कर्मचारी हिन्दी में कार्य करने के प्रति इच्छुक हैं। हालांकि उपलब्ध तकनीकी सुविधाओं के बारे में जानकारी के अभाव के कारण वे कारगर तरीके से ऐसा करने में कठिनाई महसूस करते हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इस बारे में काफी सूचनाएं राजभाषा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
इस अवसर पर राजभाषा विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. बिपिन बिहारी ने कहा कि राजभाषा विभाग हर वर्ष देश के चार क्षेत्रों में इन सम्मेलनों का आयोजन करता है जिससे कि राजभाषा हिन्दी के उपयोग को प्रचारित किया जा सके। उन्होंने कहा कि गंगटोक में आयोजित सम्मेलन चालू वित्त वर्ष के लिए इस श्रृंखला में दूसरा सम्मेलन है। इन सम्मेलनों के अतिरिक्त राजभाषा विभाग चार तकनीकी संगोष्ठियों का भी आयोजन करता है।
सिक्किम के राज्यपाल एवं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री द्वारा विभिन्न वर्गों में कुल 34 पुरस्कार प्रदान किए गए। पूर्वी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रों के केंद्र प्रमुखों द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए वार्षिक राजभाषा रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। आज के समारोह का एक अन्य आकर्षण राजभाषा विभाग की पत्रिका ‘राजभाषा भारती’ के नवीनतम संस्करण की सीडी का लोकार्पण भी था।