लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल ने लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि देश के कुछ प्रदेशों में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा आ रहा है। प्रदेश में कोविड-19 का संक्रमण न बढ़े इसके लिए सभी लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए सावधानी एवं सर्तकता के साथ कोविड-19 के गाइडलाइन मास्क का प्रयोग, बार-बार हाथ धोने तथा भीड़भाड़ वाले स्थानों पर लोगों से सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें। हाॅटस्पाॅट के 8245 एरिया है तथा कन्टेनमेंट के 8620 जोन हैं।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां और अधिक तेजी से बढ़ें, इसके लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश में अद्यतन 4.37 लाख इकाईयों को आत्मनिर्भर पैकेज के अन्तर्गत रू0 10,845 करोड के ऋण स्वीेकृत कर वितरित किये गये हैं। आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार/स्वरोजगार सृजन अभियान में इस वित्तीय वर्ष में 14 मई से आज तक लगभग 5.95 लाख नइ एमएसएमई इकाईयों को रू0 15,906 करोड़ रूपये के ऋण वितरण किया गया है। 10 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयों को 26 हजार करोड़ से अधिक का ऋण वितरण किया गया है। एमएसएमई के माध्यम से लगभग 25 लाख रोजगार सृजन हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर सुलभ हों। प्रदेश में रोजगार के नये अवसर पैदा हांे, इस हेतु सभी विभागों के माध्यम से सरकार की विभिन्न रोजगार, स्वरोजगार प्रशिक्षण की योजनाओं पर विशेष अभियान चलाकर अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जहां टूल किट देने की योजना वहां टूल किट देकर, जहां स्वरोजगार की योजना है वहां बैंकों के माध्यम से ऋण वितरण कराकर अधिक से अधिक रोजगार पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
श्री सहगल ने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा निरन्तर धान खरीद की समीक्षा की जा रही है। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि किसानों के धान की खरीद समय से हो तथा उन्हें धान व मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य अवश्य मिले। धान और मक्का की खरीद का भुगतान 72 घंटे के अन्दर सुनिश्चित किया जाये। गत वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक धान खरीदा गया है। गत दिवस 5.93 लाख कुन्तल धान की खरीद की गयी है। अब तक किसानों से 77.43 लाख कु0 धान की खरीद की जा चुकी है। अब तक किसानों से 40.58 मी0 टन मक्का की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि मण्डी शुल्क 2 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया गया है जिससे किसानों को लाभ मिलेगा।
अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के साथ मिलकर पराली न जलाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चला रही है। ग्राम स्तर पर कृषकों के साथ प्रचार-प्रसार की मशीनरीयों के माध्यम से व्यापक गोष्ठियां आयोजित कर कृषकों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से पराली प्रबंधन के सम्बंध में किसानों को जानकारी दी जा रही है। एन0सी0सी0, एन0एस0एस0, भारत स्काउट गाइड से भी मदद लेकर पराली प्रबंधन के सम्बंध में जागरूकता फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से खेतों की उर्वरता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
श्री चतुर्वेदी ने बताया कि गत वर्ष पीलीभीत में मनरेगा के कन्वर्जन से गड्ढा बनाकर फसल अवशेष को खाद बनाने हेतु किये गये सफल प्रयोग को पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत किसानों द्वारा अपने खेत का अवशेष गड्ढे में डालकर उसके ऊपर कृषि विभाग द्वारा दिये गये वेस्ट डिकम्पोजर से कल्चर बनाकर डाला जाता है, जिससे किसान को आगामी सीजन के लिए खेत में ही आर्गेनिक खाद उपलब्ध हो जाती है। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र किसानों को सुलभ तौर पर उपलब्ध कराने के लिए कृषि यंत्रीकरण की योजना के माध्यम से फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना एवं कृषकों को यंत्र उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत सरकार की इस योजना के तहत कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री आलोक कुमार ने कहा कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,61,081 सैम्पल की जांच की गयी। आर0टी0पी0सी0आर0 के माध्यम से 65,712 टूªनेट मशीन के द्वारा 2042 तथा रैपिड एन्टिजन किट द्वारा 93,327 टेस्ट किये गये। प्रदेश में अब तक कुल 1,59,23,624 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 1894 नये मामले आये हैं। प्रदेश में 22,991 कोरोना के एक्टिव मामले हैं। वर्तमान में प्रदेश कोरोना संक्रमण का रिकवरी दर 93.95 प्रतिशत है, जबकि पाॅजिटिविटी दर 1.3 प्रतिशत है। वर्तमान में कुल एक्टिव मरीजों में 10,408 लोग होम आइसोलेशन में हैं।