नई दिल्ली: सीबीआई ने छह वर्ष पहले कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ मामले में मणिपुर पुलिस के सात कर्मियों के खिलाफ बुधवार को एक विशेष अदालत में आरोपपत्र दायर किया. अधिकारियों ने बताया कि 41 कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों में यह तीसरा आरोपपत्र है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष सीबीआई को यह मामला सौंपा था.
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने छह पुलिसकर्मियों पर आपराधिक षड्यंत्र रचने और हत्या का आरोप लगाया है जबकि एक अन्य कर्मी पर साक्ष्यों को नष्ट करने का आरोप है.उन्होंने कहा कि एजेंसी फोरेंसिक तथ्यों, फील्ड जांच, केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञों के विचार और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंची है.
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने एम्स के चिकित्सकों का विचार भी जाना और 20 जनवरी 2012 को जमीर खान के मुठभेड़ की जांच के काफी रिकॉर्ड इकट्ठा किए.कथित न्योयत्तर हत्या मणिपुर के कियामगई शांतिपुर इलाके में हुई थी.
सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है,‘एनएचआरसी ने विभिन्न अधिकारियों से रिपोर्ट इकट्ठा किए और इनकी जांच की. आयोग ने पुलिस पर भरोसा नहीं किया और कहा कि जमीर खान की वास्तविक मुठभेड़ में नहीं मारा गया.’
सीबीआई ने लोंगजाम धामेन मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की जिसे 21 फरवरी 2012 को सीडीओ की टीम ने पश्चिम इंफाल में कथित तौर पर मुठभेड़ में मार गिराया था.एजेंसी ने कहा कि जांच से पता चलता है कि धामेन कथित तौर पर अपहरणकर्ता था जो पुलिसिया कार्रवाई में मारा गया. (इनपुट – भाषा)