हल्द्वानी: दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से चल रही तीन दिवसीय हरी कथा का रविवार को समापन हो गया। इस दौरान साध्वी मोनिका भारती ने प्रवचन में कहा कि भक्त के जीवन का लक्ष्य और भक्ति की यात्रा इतनी सरल नहीं है। जैसे हनुमान जी को अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ा, वैसे ही भक्त को भी कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
लेकिन जो अपने लक्ष्य के प्रति उत्साहित रहता है, वो अंतत: अपनी मंजि़ल को पा ही लेता है। उन्होंने कहा कि इस भौतिक जगत में विषय भोगों के कारण हर किसी के जीवन में अशांति का वातावरण है। यह अशांति संसार के किसी उपभोग साधन से दूर नहीं हो सकती। ज्ञान के अभाव में जीव राग द्वेष, मोह माया के गहन अंधकार में भटक रहा है।
जब तक उसे आत्मज्ञान का प्रकाश नहीं मिलेगा, तब तक यूं ही भटकता रहेगा। लेकिन आत्मज्ञान तो सद्गुरु की शरण में जाने पर ही मिलेगा। याद रहे कि सभी गुरु सद्गुरु नहीं होते। सच्चा गुरु वही होता है, जो आत्मा-परमात्मा के स्वरूप का बोध करा दे। कार्यक्रम का समापन प्रभु पूजन और मंगल आरती से हुआ।