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“मन की बात” ने भारत की विरासत, इतिहास एवं संस्कृति को और अधिक उभारा है: श्री जी.के. रेड्डी

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आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” की 100वीं कड़ी का उत्सव मनाने वाली “जन शक्ति” नाम की अपनी तरह की एक अनूठी प्रदर्शनी का आज नई दिल्ली स्थित एनजीएमए में उद्घाटन किया गया।

वैश्विक स्तर पर ख्याति प्राप्त प्रख्यात कलाकार सुश्री अंजोली इला मेनन ने “जन शक्ति: एक सामूहिक शक्ति” शीर्षक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी भारत की कलात्मक विविधता का उत्सव मनाती है। उद्घाटन समारोह में केन्द्रीय संस्कृति, पर्यटन तथा उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी; संस्कृति तथा विदेश राज्यमंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी; संस्कृति सचिव श्री गोविंद मोहन, श्रीमती किरण नाडर, श्रीमती मुग्धा सिन्हा, संयुक्त सचिव, संस्कृति मंत्रालय ने भाग लिया। इस प्रदर्शनी के प्रतिष्ठित कलाकार भी इस अवसर पर उपस्थित थे और श्री जी.के. रेड्डी एवं सुश्री मीनाक्षी लेखी ने उन्हें सम्मानित किया।

केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 100वीं कड़ी में देश को संबोधित किया है। यह प्रदर्शनी ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तुत किए गए विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों, दृष्टिकोणों और विचारों पर प्रकाश डालती है। कलाकारों ने जनभागीदारी पर आधारित सरकार के विभिन्न विकासात्मक पहलों को दृष्टिगत रूप से अभिव्यक्त किया है। उन्होंने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के प्रसार से संबंधित आईआईटी रोहतक की रिपोर्ट का विवरण भी साझा किया। उन्होंने यह भी कहा कि ‘मन की बात’ के मूल में जन संवाद, जन जागरूकता; जन कल्याण, जन सम्मान और जनभागीदारी का समावेश है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘मन की बात’ ने भारत की विरासत, इतिहास एवं संस्कृति को और अधिक उभारा है।

विदेश तथा संस्कृति राज्यमंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि रेडियो व्यापक पहुंच का एकमात्र माध्यम है और लोगों तक पहुंचने पर कोई भी संचार प्रासंगिक हो जाता है।

उन्होंने यह भी कहा कि नेतृत्व ने अपने मौखिक संचार के माध्यम से देश को बदल दिया है व प्रेरित किया है और ‘मन की बात’ से संबंधित मौखिक संचार को दृष्टिगत रूप से कलाकृतियों के जरिए प्रभावी ढंग से दर्शाया गया है।

प्रसिद्ध क्यूरेटर डॉ. अलका पांडे द्वारा क्यूरेट की गई इस प्रदर्शनी में बारह उल्लेखनीय आधुनिक और समकालीन भारतीय कलाकारों को दिखाया गया है। प्रत्येक कलाकार ने जल संरक्षण एवं नारी शक्ति से लेकर कोविड एवं भारत; दुनिया के बारे में जागरूकता तक (कुल 12 विषयों) में से किसी एक विशिष्ट विषय पर अपनी कलाकृति का प्रदर्शन करके इस प्रदर्शनी में अपना योगदान दिया। इस प्रदर्शनी के अन्य विषयों में स्वच्छ भारत, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, भारतीय कृषि, योग एवं आयुर्वेद, भारतीय विज्ञान एवं अंतरिक्ष, खेल एवं सेहत,  भारत @ 75 एवं अमृत काल और उत्तर-पूर्वी भारत का उत्सव मनाना शामिल हैं।

इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित की जाने वाली कलाकृतियां चित्रों, मूर्तियां, तस्वीरें, स्थापनाएं और नए मीडिया सहित विभिन्न प्रकार के माध्यमों को दर्शाती हैं। प्रदर्शनी में आने वाले दर्शकों को विविध रचनात्मक अभिव्यक्तियों की एक श्रृंखला का अवलोकन करने का अवसर मिलेगा जो प्रत्येक विषय पर कलाकारों के अद्वितीय दृष्टिकोण को संप्रेषित करता है। जन शक्ति प्रदर्शनी में 3डी प्रोजेक्शन तकनीक के समावेश ने आगंतुकों को प्रदर्शित कलाकृति एवं विषयों के साथ जुड़ने का एक उत्तेजक और नवीन दृष्टिकोण प्रदान किया है। विभिन्न सतहों पर छवियों और वीडियो का प्रक्षेपण एक व्यापक एवं संवादात्मक अनुभव प्रदान करता है, जिसके परिणामस्वरूप एक यादगार एवं सार्थक समागम होता है। इस तकनीक का कार्यान्वयन इस प्रदर्शनी में एक रचनात्मक एवं गतिशील तत्व का समावेश करता है और  इसे दूसरों से अलग करते हुए आगंतुकों पर एक अमिट छाप छोड़ता है।

इस प्रदर्शनी का उद्देश्य “मन की बात” से प्रेरित विभिन्न विषयों पर एक अनूठा दृष्टिकोण पेश करते हुए आगंतुकों को एक व्यापक और आकर्षक अनुभव प्रदान करना है। आगंतुकों के अनूठे दृश्यों, जटिल विवरण, और प्रदर्शित कार्यों के माध्यम से व्यक्त किए गए गहन संदेशों से मोहित होने की उम्मीद है। बेहद अनुभवी क्यूरेटर डॉ. अल्का पांडे द्वारा विस्तृत विवरणों पर बहुत बारीकी से ध्यान देकर इस प्रदर्शनी को तैयार किया गया है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि यह प्रदर्शनी आधुनिक और समकालीन कला में सर्वश्रेष्ठ का प्रतिनिधित्व करे।

इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा अमर चित्र कथा (एसीके) के सहयोग से तैयार की गई 12 पुस्तकों की एक श्रृंखला की पहली कॉमिक बुक का विमोचन किया गया। पहली पुस्तक में देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़ी जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को कवर करने वाली नौ कहानियां हैं। इन पुस्तकों को अंग्रेजी में प्रकाशित किया जाएगा और फिर उनका 12 भारतीय भाषाओं – तेलुगू, तमिल, मराठी, बंगाली, ओड़िया, गुजराती, कन्नड़, हिंदी, असमिया, मलयालम, पंजाबी और उर्दू में अनुवाद किया जाएगा।

इस पुस्तक में मनमोहक काल्पनिक पात्रों का एक सेट रचा गया है जो 12 पुस्तकों की पूरी श्रृंखलाओं में बने रहेंगे और कहानियों को एक – दूसरे के साथ जोड़ेंगे। उनकी बातचीत के माध्यम से, हम ‘मन की बात’ के सभी विषयों और कहानियों को जान पायेंगे।

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