नई दिल्लीः केन्द्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत में विश्व स्तरीय यात्री एवं कार्गो हबों के सृजन के साथ मेक-इन-इंडिया के तहत वायुयानों एवं उड्डयन उपकरण का विनिर्माण एवं पर्यटन क्षेत्र में सुरक्षा एवं हिफाजत हमारी शीर्ष प्राथमिकता होगी। उन्होंने यह भी कहा कि हवाई जहाज के यात्रियों को एक निश्चित रूप से खुशनुमा यात्रा अनुभव प्राप्त होना चाहिए और निजी क्षेत्र को निश्चित रूप से ग्राहकों की आवश्यकताओं के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। वह विभिन्न एयरलाइन के सीएमडी, हवाई अड्डों के निदेशकों एवं ऐसे अन्य लोगों से जो यात्री सेवा, सुरक्षा, सार्वजनिक-निजी साझेदारी, बुनियादी ढांचे, एयर कनेक्टिविटी जैसे व्यापक मुद्दों पर हवाई अड्डे के संचालन से जुड़े हैं, समेत एयरलाइन उद्योग के हितधारकों की एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव श्री राजीव नयन चौबे एवं मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
श्री सुरेश प्रभु ने जानकारी दी कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि उड्डयन क्षेत्र का विकास विश्व मानकों के अनुरूप हो, नियमित अंतरालों पर ऐसी बैठकों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पीपीपी का अर्थ न केवल सरकार के साथ निजी क्षेत्र की साझेदारी है, बल्कि कुल मिलाकर आम जनता के साथ यह साझेदारी होगी। उन्होंने विभिन्न शहरों से एयर ट्रैफिक क्षमता की मांग सर्वे की जरूरत पर भी बल दिया, जिसे किए जाने की जरूरत है। इस बैठक में जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई, उनमें भारत को एक एयर कार्गो हब के रूप में रूपांतरित करने तथा ई-नेशनल एयर कार्गो कम्युनिटी सिस्टम एवं ई-फ्रेट कार्गो की दिशा में काम करना शामिल है।