लखनऊः उत्तर प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 13वीं पंचवर्षीय योजनान्तर्गत किसानों की आय को दोगुना किये जाने के लिए कई विकास योजनाएं चलाई जा रही हैं। भारत सरकार द्वारा देश में तिलहन का उत्पादन बढाये जाने हेतु विशेष कार्यक्रम के तहत भारतीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत किसानों को 7281 कुंतल बीज का 2-2 किग्रा की मिनी किट के रूप में निःशुल्क वितरण किया जाएगा। इस कार्य पर लगभग 473.29 करोड़ रुपये का व्यय आएगा।
श्री शाही आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार भारत सरकार और राज्य सरकार का विशेष ध्यान तिलहन के अतिरिक्त उत्पादन पर है। इस कार्यक्रम से 5.82 लाख कुंतल राई-सरसों का अधिक उत्पादन हो सकेगा। साथ ही किसानों को भी 15000 रुपये प्रति हेक्टेयर का अतिरिक्त लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सरसों-राई का उत्पादन बढ़ाने हेतु प्रदेश के 70 जनपदों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत इस कार्यक्रम को लागू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त नियमित योजनान्तर्गत 2500 कुंतल बीज का 2-2 किग्रा की 1.25 लाख मिनी किट के रूप में निःशुल्क वितरण किया जायेगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत सामान्य, लघु एवं सीमांत किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। बीज वितरण कार्यक्रम प्रथम आवक-प्रथम पावक के आधार पर सुनिश्चित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का लाभ लेने हेतु इच्छुक किसानों को किसान पारदर्शी पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। कार्यक्रम के अंतर्गत 30 प्रतिशत महिला किसानों एवं 33 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसानों को बीज वितरित किये जाने का प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों को भी इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किये जाने का प्रयास है।
श्री शाही ने कहा कि विशेष योजना के अंतर्गत 3.50 किसानों को लाभान्वित किया जा सकेगा और 1.40 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर तिलहन की खेती को बढ़ा सकेंगे। इसी प्रकार बीज ग्राम योजना के अंतर्गत 1.20 लाख कुंतल गेहूं का बीज किसानों को उपलब्ध कराया जा सकेगा । उन्होंने बताया कि किसानों की कृषि लागत में कमी लाने और आय में वृद्धि के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा किसानों के निजी नलकूपों को विद्युत आपूर्ति हेतु अगस्त, सितम्बर एवं अक्टूबर माह की धनराशि रुपये 375 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति भी निर्गत की जा रही है।