श्रीनगर: पाकिस्तान के लिए नारे लगाने वाले अलगाववादी नेता मसरत आलम गिरफ्तार कर लिया गया है। मसरत की गिरफ्तारी को लेकर राज्य सरकार पर भारी दबाव था और बीजेपी लगातार निशाने पर थी। देश विरोधी प्रदर्शन करने के आरोपी अलगाववादी नेता मसरत आलम और अली शाह गिलानी को पहले जम्मू कश्मीर सरकार ने नजरबंद कर लिया था।
पिछले महीने जेल से रिहा होने के बाद मसरत ने दो दिन पहेल श्रीनगर की रैली में पाकिस्तान के समर्थन में जमकर नारे लगाए। मसरत ने जमात उद दावा के प्रमुख और मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद के पक्ष में भी जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उसने भीड़ को संबोधित भी किया। इस दौरान पाकिस्तान के झंडे भी लहराए गए।
इस घटना को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीएम मुफ्ती मो. सईद से बात कर कहा है कि देश की सुरक्षा, संप्रुभता से समझौता नहीं किया जा सकता और मसरत के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा था। केंद्र का दबाव आखिर रंग लाया और मसरत को आज गिरफ्तार कर लिया गया।
दरअसल हुर्रियत चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी के घाटी पहुंचते ही गिलानी गुट के सभी नेता उसके घर पहुंचे थे। इसमें हाल ही में जेल से रिहा मसरत आलम भी शामिल था। इस दौरान हुर्रियत के कई कार्यकर्ताओ के हाथों में पाकिस्तानी झंडे थे। लोगों के साथ मसरत आलम भी ‘पाकिस्तान मेरी जान’ के नारे लगा रहा था। यहां मसरत आलम के अलावा कई लोग पाकिस्तान और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी लश्कर चीफ हाफिज सईद के समर्थन में नारे लगा रहे थे। मामला उछलने के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने मसरत के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का केस दर्ज कर लिया है।
मसरत वही है जिसे मुफ्ती सरकार ने पिछले महीने रिहा किया था। इसके बाद उसकी रिहाई को लेकर देशभर में बवाल मच गया था। मसरत वही शख्स है जिसने कश्मीर में पत्थरबाजी को हवा दी थी। आपको बता दें पत्थरबाजी की घटना में कश्मीर में 112 लोग मारे गए थे। इसके बाद अक्टूबर 2010 में तब की उमर सरकार ने उसे जेल में डाला था।
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