नई दिल्ली: गोवा में इफ्फी, 2016 में आयोजित ‘मास्टर क्लास’ में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए फ्रांस की कॉस्ट्यूम डिजाइनर रोसैली वार्डा ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा किये। सुश्री वार्डा ने अपनी प्रस्तुति में फ्रांस की फिल्मों का उल्लेख करते हुए बताया कि फिल्म में वेशभूषा की आवश्यकता को भलीभांति समझने के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइनर को फिल्म निर्माता के अंतर्मन को समझना पड़ता है।
सुश्री वार्डा के मुताबिक, वेशभूषा किसी भी किरदार को जीवंत बना देती है और इसके साथ ही फिल्म की दृश्य गाथा को भावना से परिपूर्ण कर देती है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी डिजाइनर को प्रामाणिकता के लिए कहानी में दिखाये जाने वाले स्थलों और समय के बारे में भलीभांति पता होना चाहिए। उन्होंने कहा किकॉस्ट्यूम डिजाइनर फिल्म में एक चित्रकार की तरह काम करता है। उन्होंने पसंदीदा रंगों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति के दौरान विस्तार के साथ अपने विभिन्न डिजाइनों के अनेकानेक उदाहरण दिये। इस सत्र को असीम छाबड़ा ने संचालितकिया, जो न्यूयॉर्क में कार्यरत एक स्वतंत्र लेखक हैं।