देहरादून: प्रदेश के श्रम मंत्री उत्तराखण्ड सरकार हरिश्चन्द्र दुर्गापाल ने आज विधान सभा स्थित अपने सभाकक्ष में उत्तराखण्ड माटी कला बोर्ड की द्वितीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कुम्हारी कला या व्यवसाय में लगे कुम्हार समुदाय के परिवारों की अर्थिक उन्नति एवं उनके व्यवसाय के विकास के लिए ताल, पोखर और ग्राम समाज की भूमि या अन्य स्थान जहाॅं कुम्हारी कार्य(पाटरी)के लिए उपयुक्त चिकनी मिट्टी उपलब्ध हो का आबंटन शीघ्रता शीघ्र किया जाय
जिससे आने वाले दीपावली के पर्व पर मिट्टी से बने उत्पादों को तैयार कर उसका व्यवसाय कर सकें। बैठक में उन्होंने कहा कि माटी कला का कार्य करने वाले शिल्पीयों को मिट्टी की समस्या रहती है। उन्हें एक वर्ष या दो वर्ष के लिए पट्टा देने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने लघु एवं उद्यम विभाग को निर्देश दिये कि माटी कला का कार्य ज्यादातर जनपद हरिद्वार, देहरादून, एवं ऊधमसिंह नगर में होता है। उन शिल्पीयों का चिन्हीकरण कर उन्हे परिचय पत्र मुहैया करवायें। जिससे उस परिचय पत्र को जिला प्रशासन को दिखाकर उन्हें चिन्हीत स्थानों से मिट्टी का उठान करने में कोई समस्या न हो। इसके साथ ही खनन विभाग मिट्टी उठान की राॅयल्टी लेने की कार्यवाही मानकों के अनुसार करें। बैठक में माटी कला बोर्ड ने निर्णय लेते हुए कहा कि प्रदेश में कुम्हारी एवं मिट्टी का कार्य करने वाले कारीगरों के व्यवसाय में वृद्धि एवं उनकी आर्थिक उन्नति के दृष्टिगत माटी कला व्यवसाय से जुड़े कारीगरों को तकनीकी सुविधा, आर्थिक सहायता एवं कार्य के विकास तथा विपणन आदि की सुविधाएॅ उपलब्ध करायें व उनकी समस्याओं का निराकण करने में अपनी सकारत्मक भूमिका निभायें। इसके लिए बैठक में निर्णय लिया गया कि वर्तमान में कुम्हारों के लिये विद्युत चालित उन्नत किस्म के 30 चाक उपलब्ध करा दिये जायें। जिसमें 10 प्रतिशत कीमत मिट्टी का कार्य करने वाले कारीगरों(कुम्हार) से ली जाय। बैठक में माटी कला के उत्पादों के विपणन हेतु प्रदशर््ानी भी दीपावली पर्व से पूर्व 1 से 10 नवम्बर तक लगाई जाय, जिससे आम जनमानस मिट्टी उत्पादों का क्रय कर सकें। इसके लिए निर्णय लिया गया कि जनपद देहरादून, हरिद्वार एवं ऊधम सिंह नगर में माटी शिल्प की प्रदर्शनी आयोजित की जाय। इसका स्थान का निर्धारण जिला अधिकारी द्वारा किया जाय। बैठक में माटी कला शिल्प के उन्नयन हेतु डिजाईन एक्शपर्ट को भी लिया जाय। इसके लिए मंत्री जी ने कहा कि अन्य राज्यों से भी मास्टर ट्रेनर को माटी कला शिल्प के उन्नयन के लिए लिया जाय। बैठक में माटी बोर्ड के उपाध्यक्ष विनीत कुमार ने कहा कि जो भी व्यक्ति मिट्टी का कार्य करने वाले (कुम्हार) हंै, उन सबको चाक का वितरण बोर्ड के माध्यम से किया जायेगा। जिसे इसकी आवश्यकता होगी। मिट्टी का कार्य जितना भी बढेगा उससे प्रदूषण की समस्या भी दूर होगी। मिट्टी के कार्य का खुर्जा में बहुत कार्य हो रहा है। मिट्टी के कार्य करने वाले कुम्हारों को अपने उत्पाद बेचने के लिए बाजार उपलब्ध करवाया जायेगा। उन्हें प्लेटफार्म दिया जायेगा, जिससे वे अपने उत्पाद को आसानी से विक्रय कर सकें।