लखनऊ: प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग, निर्यात प्रोत्साहन मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने निर्देशित किया है कि राज्य की अर्थव्यवस्था में ग्रामीणों का योगदान बढ़ाने के लिए विभाग की संचालित योजनाओं का लाभ शीघ्र ही उन तक पहुंचाया जाये। गांव-देहातों तक उद्योगों के विकास से आमजन की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी की भी यही मंशा है कि गांव आत्मनिर्भर बने, इसके लिए कुटीर उद्योग लगाने वालों को कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाये तथा उन्हें आधुनिक तकनीकि से परिचित कराया जाये। उन्होंने कहा कि गांव में रोजगार के लिए आवश्यक माहौल बने, इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाये तथा उन्हें जरूरी मशीनरी व उपकरण भी उपलब्ध कराये जायें।
खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह की अध्यक्षता में उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड की 50वीं बैठक आज खादी भवन, तिलक मार्ग लखनऊ में आयोजित की गई। बैठक के दौरान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के नामित तीन नये सदस्यों श्री राम सुन्दर चैधरी, विभूति नारायण सिंह व महेन्द्र सिंह आचार्य का परिचय देकर स्वागत किया गया। बैठक में उन्होंने निर्देशित किया कि लोग खादी उत्पादों के प्रति आकर्षित हों, इसके प्रयास किये जायें तथा खादी की गुणवत्ता में और सुधार किया जाये। इसके लिए राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर के तकनीकि विशेषज्ञों की भी सहायता ली जाये तथा अन्य राज्यों की अच्छी तकनीक को अपनाया जाये। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि खादी उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए खादी प्लाजा की भी स्थापना कराई जाये तथा माटी कला में गुणवत्ता लाने के लिए ट्रेनिंग सेंटर स्थापित कराए जायें। साथ ही कम्बल बनाने के कारखानों में उत्पादन बढ़ाया जायें। इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार के प्रयासों से प्रदेश का काला नमक चावल सिंगापुर को 600 रूपये प्रतिकिलो की दर से निर्यात किया जा रहा हैं। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री गोपाल अंजान ने कहा कि मुजफ्फरनगर एवं नजीबाबाद स्थित कम्बल कारखानों में कार्य नहीं हो पा रहा है, इसके लिए लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये।
अपर मुख्य सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग, निर्यात प्रोत्साहन डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री रोजगार योजना में अन्य राज्यों की अपेक्षा प्रदेश ने कोरोना काल में भी काफी अच्छी प्रगति की है। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड में ई-आफिस प्रणाली लागू किया जाना प्रस्तावित है। ग्राम स्वराज व ग्रामोद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए अगरबत्ती बनाने की 05 मशीनें 3.42 लाख रूपये में क्रय की गई हैं। इससे प्रशिक्षित महिला समूहों को मशीन उपलब्ध कराकर उनको रोजगार से जोड़ा जायेगा। इसी प्रकार स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति के तहत 1500 सोलर चर्खों के साथ विभिन्न टूलकिट्स वितरित किया जाना है।
डा0 सहगल ने बताया कि बुंदेलखण्ड और प्रयागराज के आसपास भेड़ पालन के माध्यम से ऊन का उत्पादन बढ़ाने के लिए ऊनी यार्न उत्पादन केन्द्र शीर्घ स्थापित कराये जायेंगे। इससे भेड़ पालकों को ऊन का समुचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा तथा कम्बल उत्पादन के लिए आसानी से ऊन भी मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि विभागीय उत्पादन केन्द्रों को सस्ती एवं गुणवत्ता युक्त पूनी उपलब्ध कराने हेतु पूनी संयंत्र की स्थापना निजी पूंजी निवेश के माध्यम से कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित स्फूर्ति योजना के तहत उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड को नोडल एजेंसी के रूप में उ0प्र0 में नामित किया गया है, इससे बोर्ड के समस्त प्रस्ताव सीधे भारत सरकार को भेजे जा सकेंगे।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि खादी उत्पादन केन्द्रों पर सोलर लूम स्थापित कराने हेतु टेरी, नई दिल्ली के साथ एम0ओ0यू0 साइन करने के बाद स्थापित कराये जायेंगे। उन्होंने बताया कि अवध शिल्प ग्राम में आयोजित हुनर हाट में उद्यमियों की कुल 119 खादी इकाईयों के माध्यम से 3.72 करोड़ रूपये की बिक्री की गई। उन्होंने बताया कि पीपीपी मोड पर मुजफ्फरनगर एवं लखनऊ में खादी प्लाजा का निर्माण किया जायेगा। लखनऊ में ही मोहनलाल गंज में माटी कला बोर्ड का ट्रेनिंग सेंटर की भी स्थापना कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चों को खादी का यूनिफार्म उपलब्ध कराने के लिए विभाग के 10 उत्पादन केन्द्रों को पुनः चालू किया गया है तथा कम्बल बनाने वाले 08 कारखानों को चालू किया गया है। जिसमें 01 लाख कम्बल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।