लखनऊ: प्रदेश के मत्स्य व पशुधन राज्यमंत्री श्री जय प्रकाश निषाद ने मत्स्य विभाग के मत्स्य चेतना केन्द्र में विभिन्न जनपदों के 47 मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रचुर जल क्षेत्र होने के कारण मत्स्य पालन की अपार संभावनायें हैं और जल क्षेत्रों के सुनियोजित उपयोग द्वारा उत्तर प्रदेश को मत्स्य पालन के क्षेत्र में अग्रणी बनाया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि मत्स्य विकास एवं मछुआ कल्याण समुदाय के हितार्थ चल रही विभिन्न योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाये। इसके साथ ही जनपदों के मत्स्य अधिकारी स्वयं मत्स्य तालाबों का निरीक्षण करें और मत्स्य पालकों की समस्याओं का निराकरण करें।
मत्स्य विभाग एवं फिशकाॅपफेड नई दिल्ली के सौजन्य से मत्स्य उत्पादन वृद्धि हेतु आयोजित एक दिवसीय मण्डलीय प्रशिक्षण गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मत्स्य मंत्री ने कहा कि मछुआ दुर्घटना बीमा योजना के तहत अधिक से अधिक लाभार्थियों को जोड़ा जाये और जनपदों में मछुआ समुदाय की जनसंख्या के आधार पर लक्ष्य निर्धारित किया जाये। श्री निषाद ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में मत्स्य पालकों से उनकी समस्यायें सुनी और उनका निराकरण कराने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को मौके पर ही दिए।
एक दिवसीय मण्डलीय गोष्ठी में मत्स्य निदेशक श्री एस0के0 सिंह ने मात्सियकी के विकास हेतु भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा की। कार्यक्रम में प्रबन्ध निदेशक फिशकाॅपफेड, नई दिल्ली के श्री बी0के0 मिश्रा ने मत्स्य पालकों को मत्स्य दुर्घटना बीमा योजना व मत्स्य पालन की विविध जानकारियां दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में लखनऊ मण्डल के 100 मत्स्य पालकों ने प्रतिभाग किया।
इसके साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में ग्राम पंचायत के निजी तालाबों में मत्स्य पालन, विपणन सम्बंधी विषय पर तथा उ0प्र0 मत्स्य जीवी सहकारी संघ लि0 की सदस्य समितियों हेतु संघ द्वारा संचालित कार्यक्रमों व योजनाओं की जानकारी श्री अंजना वर्मा, प्रबंध निदेशक द्वारा दी गई। कार्यक्रम में श्री संजय कुमार शुक्ला, संयुक्त निदेशक मत्स्य, श्री आदित्य कुमार दूबे, उप निदेशक सहकारिता, श्रीमती मोनिशा सिंह, उपनिदेशक मत्स्य श्री एस0एस0 माहोर, श्री राजेन्द्र सिंह, लखनऊ मण्डल के उप निदेशक, मत्स्य तथा जनपदीय अधिकारी व बड़ी संख्या में मत्स्य पालक उपस्थित थे।