नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के 5 न्यायाधीश स्वाइन फ्लू की चपेट में हैं, जो एच1एन1 वायरस के कारण होता है। उच्चतम न्यायालय में स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा तत्काल निम्नलिखित एहतियाती उपाय किए गए हैं:-
· उच्चतम न्यायालय परिसर में सीजीएचएस की फर्स्ट ऐड पोस्ट (एफएपी) को मजबूत बनाया गया है।
· प्रोटोकॉल के अनुसार सभी न्यायाधीशों के लिए उपचार की व्यवस्था की गई है। न्यायाधीशों के संपर्क में आने वाले उनके परिवार के सदस्यों सहित सभी का रोगनिरोधी उपचार किया गया।
· सभी 5 न्यायाधीशों को घर में अलग रखा गया है। इनमें से 3 न्यायाधीशों ने अपना काम शुरू कर दिया है और 2 घर में निगरानी में हैं तथा स्वस्थ हो रहे हैं।
· अदालत कक्षों और रिहाइशी स्थानों की सफाई की गई है।
· सभी संबद्ध लोगों के बीच एहतियाती उपायों के संबंध में जागरूकता का प्रचार किया गया है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय कल 26 फरवरी, 2020 को बार काउंसिल के कार्यालय में वकीलों और अन्य कर्मचारियों के लिए एच1एन1 स्वच्छता कार्यशाला करेगा।
हालांकि एच1एन1 एक मौसमी संक्रमण है, जो आमतौर से हर वर्ष दो बार (एक बार जनवरी से मार्च और दूसरी बार जुलाई से सितम्बर) होता है। सभी से अनुरोध किया जाता है कि वह एहतियाती उपाय करें, जैसे खांसते समय अपनी नाक और मुंह को टिश्यू/रूमाल से ढंक कर रखे; अक्सर अपने हाथ साबुन और पानी से धोएं; भीड़भाड़ से बचें; आंखों, नाक अथवा मुंह को छूने से परहेज करें; यदि आपको कफ/खांसी-जुकाम है तो भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहें; काफी पानी पीएं; अच्छी नींद सोएं। कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजीदीकी सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा से संपर्क किया जा सकता है।