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प्‍याज के बढ़ते मूल्‍यों को रोकने के उपाय

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत सरकार प्‍याज के बढ़ते मूल्‍यों पर करीबी निगाह रख रही है। प्‍याज के आयात के लिए सरकार द्वारा एक निर्णय ले लिया गया है और 10,000 मीट्रिक टन प्‍याज के लिए एक निविदा भी जारी की गई है जो 27 अगस्‍त, 2015 को खुलेगी। घरेलु बाजार में प्‍याज की उपलब्‍धता को बढ़ाने के लिए, प्‍याज के न्‍यूनतम निर्यात मूल्‍य को आने वाले समय में प्रति मीट्रिक टन 700 अमरीकी डॉलर तक बढ़ाने का फैसला किया गया है।

पिछली बार 26 जून, 2015 को प्‍याज का न्‍यूनतम निर्यात मूल्‍य बढ़ाकर प्रति मीट्रिक टन 250 अमरीकी डॉलर से प्रति मीट्रिक टन 425 अमरीकी डॉलर किया गया था।

प्‍याज के मूल्‍यों की नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है। इस संदर्भ में, प्‍याज के मूल्‍यों बढ़ते मूल्‍यों पर नियंत्रण बनाने के लिए उठाए गये कदमों की समीक्षा के लिए कृषि मंत्रालय और दिल्‍ली सरकार के एसएफएसी, नैफेड, एमएमटीसी, वाणिज्‍य विभाग के साथ 24 अगस्‍त, 2015 को उपभोक्‍ता मामले के सचिव द्वारा फिर से एक बैठक की जा रही है।

बाजार में हस्‍तक्षेप करने के लिए, लघु किसान कृषिव्‍यवसाय संकाय और नैफेड ने 5857 मीट्रिक टन प्‍याज खरीदी है। आवश्‍यक वस्‍तुओं के मूल्‍यों को नियंत्रण में रखने के लिए मूल्‍य स्थिरता कोष से धन उपलब्‍ध कराया गया है। एसएफएसी ने भी दिल्‍ली सरकार के लिए 2511 मीट्रिक टन प्‍याज खरीदी है जिससे उसका कुल प्‍याज भंडार 8368 मीट्रिक टन हो गया है। एसएफएसी 30 रूपए किलो की दर से सफल को प्‍याज की आपूर्ति कर रही है और वह इसे 39 रूपए किलो के भाव से उपलब्‍ध करा रहे हैं। एसएफएसी डीएमएस के 120 दुग्‍ध बूथों के माध्‍यम से 35 रूपए किलों के भाव से प्‍याज उपभोक्‍ताओं को बेच रही है। इसके अलावा दिल्‍ली सरकार के एक फैसले के अंतर्गत 280 उचित मूल्‍यों की दुकानों पर 40 रूपए प्रति किलो की दर से प्‍याज की बिक्री की जा रही है, जिसे बाद में घटाकर 30 रूपए प्रति किलो कर दिया गया।

प्‍याज के मूल्‍यों में हुई वृद्धि का कारण कुल उत्‍पादन में कमी है जो वर्ष 2013-14 के 194.02 लाख टन के मुकाबले 2014-15 में 189.23 लाख टन पर आ गया है। इस प्रकार उत्‍पादन में कुल 4.79 लाख टन की कमी हुई है। इस कमी का प्राथमिक कारण खराब मौसम और बिना मौसम की बारिश रही है जिसका प्रभाव प्रमुख फसलों पर पड़ा है।

आवश्‍यक वस्‍तुओं के मूल्‍यों पर नियंत्रण में रखने के लिए 7 जुलाई 2015 को भी राज्‍य और संघ शासित प्रदेशों के सभी खाद्य और उपभोक्‍ता मामले मंत्रियों के बीच भी एक बैठक की गई थी जिसमें सभी आवश्‍यक खाद्य वस्‍तुओं खासतौर पर प्‍याज के संदर्भ में उपाय निकाले गये थे। बैठक में कालाबाजारी और जमाखोरी के खिलाफ सख्‍त कदम उठाने की भी सिफारिश की गई। राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों के मुख्‍य सचिवों को भी नियमित रूप से मूल्‍य नियंत्रण पर करीबी निगरानी रखने और प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है।

केन्‍द्र सरकार ने 1 जुलाई 2015 को आवश्‍यकत वस्‍तु अधिनियम में एक संशोधन करते हुए एक वर्ष की अवधि के लिए 2 जुलाई 2016 तक प्‍याज के भंडार की सीमा लागू करने के लिए राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों को अधिकार प्रदान किए हैं।

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