21 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

मीडिया को ईमानदार और सच्चा बना रहना चाहिए और बहुत संयम और जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए: उपराष्ट्रपति

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज मीडिया से सनसनीखेज प्रवृत्ति को दूर करने और बिना समाचार तथा विचारों को मिलाए तथ्‍यों को प्रस्‍तुत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मीडिया को ईमानदार और सच्चा बना रहना चाहिए और बहुत संयम और जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए।

आज ओडिशा के कटक में एक प्रमुख ओडिया दैनिक समाचार पत्र ‘द समाजा’ के शताब्दी समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया न केवल स्वस्थ लोकतंत्र का हिस्सा है, बल्कि एक अनिवार्य शर्त भी है। उन्होंने कहा कि मीडिया को लोकतांत्रिक प्रणाली का चौथा स्तंभ माना जाता है- एक ऐसा स्तंभ जो लोकतंत्र का समर्थन, पालन और पोषण करता है और आवश्यक होने पर सुधार करने में मदद करता है।

श्री नायडू ने कहा कि मीडिया को लोगों को सूचित, शिक्षित और प्रबुद्ध करना चाहिए।  उन्होंने कहा कि जनता की राय बनाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि मीडिया को नागरिकों को सशक्त बनाना चाहिए और शासन प्रणाली में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की शुरुआत करने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया को नागरिकों की आवाज आगे बढ़ानी चाहिए और उनके विचारों को कानूनविदों तक पहुंचानी चाहिए।

श्री नायडू ने मीडिया से लोकतांत्रिक प्रणाली में खामियों को उजागर करने का आग्रह किया, जिससे सरकार को प्रणाली को अधिक जवाबदेह, उत्तरदायी और नागरिक-अनुकूल बनाने में मदद मिले। उपराष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया के बिना लोकतंत्र पहिए के बिना एक वाहन के समान है।

श्री नायडू ने पत्रकारिता को एक मिशन के रूप में वर्णित करते हुए कहा कि टीआरपी, सर्कुलेशन की संख्‍या और बॉटम लाइन, हालांकि महत्वपूर्ण हैं पर इससे मीडिया का मार्ग नहीं तय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया को अपनी सभी गतिविधियों के केंद्र में आम आदमी के कल्याण और राष्ट्र की प्रगति को स्थान देना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने मीडिया को स्थापित पूर्वाग्रहों से छुटकारा पाने और युवाओं, महिलाओं, किसानों और उद्यमियों की उम्मीदों को आवाज देने को कहा। उन्‍होंने कहा कि मीडिया को समाज के नैतिक कम्पास और विवेक के रूप में कार्य करना चाहिए और सभी सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए आक्रामक अभियान चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह इसे बेजुबानों की आवाज बननी चाहिए और असहाय की सहायता करनी चाहिए।

इस बात को रेखांकित करते हुए कि मीडिया में यथास्थिति में बदलाव के लिए एक माध्‍यम बनने की क्षमता है, उन्होंने सकारात्मक बदलावों को प्रेरित करने के लिए अधिक सकारात्मक कहानियों और सर्वोत्तम प्रथाओं की रिपोर्टिंग और उन्‍हें रेखांकित करने को कहा। उन्होंने मीडिया से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भाषाओं की रक्षा, संरक्षण और संवर्द्धन में हाथ बंटाने के लिए कहा।

श्री नायडू ने स्वच्छ भारत आंदोलन को सफल बनाने में भारतीय मीडिया द्वारा निभाई गई उल्‍लेखनीय भूमिका का उल्लेख करते हुए मीडिया से कहा कि वह हमारे समय की गरीबी से लेकर बीमारी और जलवायु परिवर्तन जैसी ज्वलंत समस्याओं को हल करने में रचनात्मक भूमिका निभाएं।

उन्होंने उम्मीद जताई कि क्षेत्रीय भाषाओं और ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक स्‍थानीय समाचार पत्र भारत में अस्तित्‍व में आएंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय मीडिया वास्तव में विवेकपूर्ण, त्वरित और सत्य रिपोर्टिंग के माध्यम से भारत के ग्रामीण परिदृश्य को बदल सकता है।

उपराष्ट्रपति ने समाज के संस्थापक उत्कलमणि पंडित गोपबंधु दास को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वे एक महान शिक्षक, पुनर्जागरण के कवि, अनुभवी पत्रकार, निस्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता, अग्रिम पंक्ति के स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी विचारधारा तथा नैतिक मूल्य के महान समर्थक थे।

उपराष्ट्रपति ने डॉ. सुभाष चंद्र मिश्रा द्वारा गोपबंधु दास पर लिखित एक पुस्तक का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर ओडिशा के माननीय राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, ओडिशा के मुख्‍यमंत्री श्री नवीन पटनायक, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्‍पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, सांसद डॉ. अच्‍युत सामंत और अन्य गणमान्‍य व्‍यक्ति उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More