देहरादून: नए स्थापित किए जाने वाले मेडिकल कालेजों को सेल्फ सस्टेनिंग बनाया जाएगा। मेडिकल व आयुष के अलग अलग विश्वविद्यालय बनाने की बजाय संयुक्त रूप से मेडिकल एवं आयुष विश्वविद्यालय बनाया जाएगा।
सोमवार को बीजापुर में चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उक्त निर्देश दिए। रूद्रपुर व कोटद्वार में बेस अस्पताल को प्रथम चरण के तहत मेडिकल कालेज की आवश्यकता के हिसाब से विकसित किया जाएगा। पिथौरागढ़ व हरिद्वार(रूड़की) मेडिकल कालेज के भूमि संबंधी मामलों का निस्तारण वर्ष 2015-16 में कर लिया जाए और वर्ष 2016-17 में बेस अस्पताल को मेडिकल कालेज के अनुसार विकसित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा को निर्देशित किया कि अल्मोड़ा व देहरादून मेडिकल कालेज के लिए आवश्यक धनराशि का प्राविधान सप्लीमेंटरी बजट में कर लिया जाए और इसकी प्रतिपूर्ति के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया जाए। बताया गया कि अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, टिहरी, पौड़ी व चमोली में नर्सिंंग कालेज का काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत, गुप्तकाशी, बाजपुर व गहड़ में इंटीग्रेटेड योजना के आधार पर नर्सिंग कालेज स्थापित किए जाएं।
एक अन्य बैठक में तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक पृथक से प्रकोष्ठ स्थापित करने के निर्देश दिए जो कि यह सुनिश्चित करेगा कि पालीटैक्निक कालेज आईसीटीई के मानक पूरे करें। उŸाराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय के संगठक कालेज टनकपुर व उŸारकाशी का संचालन इस वर्ष प्रारम्भ करने का प्रयास किया जाए। इसके भवन निर्माण का काम प्रारम्भ अवश्य कर दिया जाए। पालिटेक्नीक कालेज के मामले में क्लस्टर एप्रोच अपनाई जाए। राजकीय पालिटेक्नीक संस्थानों में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए राज्य लोक सेवा आयोग से अनुरोध किया जाए। यदि आयोग भर्ती कराने में लिखित रूप से असमर्थता व्यक्त करता हे तो विकल्प देखे जाएं। सीएम ने वर्तमान आवश्यकता के अनुसार पाॅलिटेक्निक व आईटीआई का नया ढांचा प्रस्तावित करने के भी निर्देश दिए।